ग्राम पंचायतों का ‘कायाकल्प’: MP में हर पंचायत को मिलेगा अपना सचिव, जिला स्तर पर बनेगा ‘कॉडर’

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Drnewsindia.com/भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई, यानी ग्राम पंचायतों को सशक्त करने की दिशा में डॉ. मोहन यादव सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब राज्य की हर ग्राम पंचायत में एक सचिव की नियुक्ति अनिवार्य होगी। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, सरकार पंचायत सचिवों का जिला स्तर पर एक अलग कॉडर (Cadre) बनाने जा रही है।

वर्तमान में, कई ग्राम पंचायतें मानव संसाधन की कमी से जूझ रही हैं, जहाँ औसतन 2 से 4 पंचायतों पर एक ही सचिव कार्यरत होता है। लेकिन नए नियम के लागू होने के बाद, किसी भी सचिव को एक से अधिक ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।

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विभागीय मंत्री प्रहलाद पटेल की बैठक के बाद फैसला

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा ग्राम पंचायतों को मजबूत बनाने के संकेत दिए जाने के बाद, विभागीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में तय किया गया कि:

  • जिला स्तर पर कॉडर: हर जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या के आधार पर पंचायत सचिवों की नियुक्ति की जाएगी।
  • भर्ती प्रक्रिया: जिला पंचायतों के CEO से रिक्त पदों की जानकारी मिलने के बाद, राज्य सरकार कर्मचारी चयन मंडल (ESB) के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी।
  • 23,111 पद पर भर्ती: जानकारों के अनुसार, राज्य की 23,006 ग्राम पंचायतों के लिए लगभग 23,111 पंचायत सचिव के पदों पर भर्ती की जाएगी।

तीन-स्तरीय वेतनमान और रोजगार सहायकों को आरक्षण

सरकार ने पंचायत सचिवों के लिए तीन-स्तरीय वेतनमान की व्यवस्था तय की है, जो इस प्रकार है:

सेवा अवधिवेतनमानव्यवस्था
शुरुआती 2 वर्ष₹10,000 (फिक्स/निश्चित वेतन)कार्यभार ग्रहण करने के बाद
2 वर्ष के बाद₹19,500 से ₹62,200सातवें वेतनमान के पात्र
10 वर्ष पूरे होने पर₹23,500 से ₹80,500अगला वेतनमान

आरक्षण: कुल रिक्त पदों में से 50 प्रतिशत पदों पर रोजगार सहायकों को प्राथमिकता मिलेगी, हालांकि उन्हें भी भर्ती प्रक्रिया और पात्रता परीक्षा का पालन करना होगा।

जनवरी 2026 से शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया

इस नए नियम के आधार पर, पंचायत सचिवों के पदों को भरने की प्रक्रिया जनवरी 2026 से शुरू होगी।

  • वार्षिक सूचना: रिक्त पदों की सूचना हर वर्ष 15 जनवरी तक जिला पंचायतों के CEO द्वारा कर्मचारी चयन मंडल को भेजनी होगी।
  • पात्रता परीक्षा: चयन मंडल पात्रता परीक्षा आयोजित कर जिला और श्रेणीवार योग्यता सूची तैयार करेगा, जिसमें 15% अभ्यर्थियों के नाम प्रतीक्षा सूची में भी शामिल होंगे।
  • प्राथमिकता: समान अंक होने पर अधिक आयु और कम्प्यूटर दक्षता में अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी को प्राथमिकता मिलेगी।

गृह ग्राम में नहीं मिलेगी पोस्टिंग, महिला सचिवों को विशेष छूट

  • गृह ग्राम वर्जित: पात्रता परीक्षा से चयनित किसी भी अभ्यर्थी की नियुक्ति उनके गृह ग्राम में आने वाली पंचायतों के लिए नहीं की जाएगी।
  • काउंसलिंग: अभ्यर्थियों की काउंसलिंग की जाएगी, जिसमें उनसे गृह पंचायत के अलावा किसी दूसरी पंचायत में सेवाएं देने की प्राथमिकता पूछी जाएगी।
  • महिला सचिवों को अवकाश: महिला पंचायत सचिवों को नियमानुसार अधिक अवकाश की पात्रता होगी।
    • पुरुष सचिव: 13 दिन आकस्मिक अवकाश (एक वर्ष में)।
    • महिला सचिव: 20 दिन आकस्मिक अवकाश (एक वर्ष में)।
  • अन्य अवकाश: जनपद पंचायत के CEO की अनुशंसा पर जिला पंचायत CEO द्वारा एक बार में 30 दिन और एक वर्ष में कुल 45 दिन का अन्य अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा।

यह कदम मध्य प्रदेश की ग्राम पंचायतों में शासन-प्रशासन की दक्षता को बढ़ाने और ग्रामीण विकास कार्यों को गति देने में महत्वपूर्ण साबित होगा।

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