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गुना / जिले में खाद के वितरण को लेकर मची अफरा-तफरी के बीच, महिला किसान भूरी बाई की मौत के बाद विवाद गहरा गया था। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए शुक्रवार सुबह कलेक्टर किशोर कन्याल ने स्वयं मोर्चा संभाला। उन्होंने वितरण केंद्र पर माइक लेकर किसानों को आश्वस्त किया कि खाद पर्याप्त है और सभी को मिलेगी, साथ ही प्रति किसान 10-10 बोरी खाद देने की बड़ी घोषणा की।

कलेक्टर की इस त्वरित कार्रवाई और सीधे संवाद से खाद वितरण को लेकर चल रही खींचतान पर तत्काल विराम लगा है।
संकट और समाधान
- संकट का कारण: खाद की लंबी लाइनों में खड़ी महिला किसान भूरी बाई की तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई थी।
- दबाव: भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने कलेक्टर से सार्वजनिक रूप से जवाब मांगा था।
- कलेक्टर का कदम: किशोर कन्याल ने स्वयं मौके पर जाकर व्यवस्था संभाली।
- बड़ी घोषणा: प्रति किसान खाद का कोटा 5 कट्टे से बढ़ाकर 10 कट्टे किया गया।
- नई व्यवस्था: रात में लाइन में रुकने से मना किया गया; सुबह 7 बजे टोकन और शाम 6 बजे तक वितरण जारी रहेगा।
मैदान में कलेक्टर: सीधे संवाद और कोटा वृद्धि
खाद के एक-एक कट्टे के लिए हो रही जद्दोजहद के बीच कलेक्टर कन्याल ने किसानों से सीधा संवाद किया। उन्होंने माइक पर घोषणा करते हुए कहा, “भैया…जिसकी पर्ची कट गई है उसे दस बोरी खाद मिलेगी।”
उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि किसी को भी रात में लाइन में रुकने की जरूरत नहीं है। टोकन सुबह 7 बजे से बांटे जाएंगे और वितरण शाम 6 बजे तक चलता रहेगा।
मारकीमहू से 55 किमी दूर रात 3 बजे खाद लेने आए किसान दीपक यादव ने कहा, “पहले पांच कट्टे मिल रहे थे, अब कलेक्टर साहब 10 कट्टे देने के आदेश दे गए हैं। यह बहुत बड़ी राहत है।”
बुजुर्गों को लाइन में लगाने पर नाराजगी
कलेक्टर ने वितरण व्यवस्था के साथ-साथ नैतिक जिम्मेदारी पर भी ध्यान दिया। उन्होंने बुजुर्गों को लाइन में खड़ा करने पर नाराजगी व्यक्त की और युवाओं को सख्त निर्देश दिए कि वे घर के बुजुर्गों का ध्यान रखें।
उन्होंने कहा, “आप सभी लोग जवान हैं। किसी दादा-दादी, नाना-नानी को लेकर मत आना। यह अच्छी बात नहीं है।”
कलेक्टर ने प्रबंधक से काउंटरों की जानकारी ली और निर्देश दिए कि विकलांग काउंटर से भी सामान्य वितरण किया जाए, लेकिन कोई दिव्यांग किसान आए तो उसे पहले खाद दी जाए।
पृष्ठभूमि: मौत और राजनीतिक दबाव
कलेक्टर का यह हस्तक्षेप महिला किसान भूरी बाई की दुखद मौत के बाद आया है। इस घटना ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया था, जिसके बाद भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य ने एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने ही कलेक्टर को घेरा था और उनसे महिला की मौत पर जवाब मांगा था।
विधायक ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि अगर यहाँ जवाब नहीं मिला तो वे कलेक्टर साहब से विधानसभा में जवाब लेंगे। इस राजनीतिक खींचतान के बाद कलेक्टर का खुद मैदान में उतरना और किसानों को सुगम वितरण का आश्वासन देना एक बड़ा प्रशासनिक कदम माना जा रहा है।



