मध्य प्रदेश में खाद संकट गहराया: लाइन में लगी किसान की मौत, कई जिलों में रात भर सड़कों पर अन्नदाता

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Drnewsindia.comभोपाल/गुना/शाजापुर। मध्य प्रदेश में खरीफ के बाद अब रबी सीजन में भी खाद की किल्लत किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। यह संकट इतना गहरा गया है कि गुना जिले में खाद के इंतजार में लाइन में लगी एक आदिवासी महिला किसान की मौत हो गई है। वहीं, प्रदेश के कई जिलों में किसान कड़ाके की ठंड में रात-रात भर खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं।


💔 दर्दनाक घटना: खाद के इंतजार में गई जान

गुना जिले के बमोरी विधानसभा क्षेत्र में खाद वितरण की अव्यवस्था एक दर्दनाक मोड़ ले गई है।

  • मृतक किसान: कुशेपुर गाँव की भुरिया बाई (आदिवासी महिला किसान)।
  • घटनास्थल: बागेरी खाद केंद्र, गुना।
  • कारण: दो दिनों से बागेरी खाद केंद्र पर लाइन में लगी भुरिया बाई ठंड, भूख-प्यास और अत्यधिक थकान के कारण कमजोर हो गईं। बुधवार रात अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और उल्टियाँ होने लगीं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
  • प्रशासनिक प्रतिक्रिया: कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने मौत की पुष्टि की और बताया कि सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी गाँव पहुंचे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कलेक्टर और पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को तुरंत कुशेपुर भेजा।

विपक्ष का हमला

बमोरी से कांग्रेस विधायक ऋषि अग्रवाल ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “प्रशासन दावा कर रहा है कि पर्याप्त खाद है, तो फिर किसानों को खाद क्यों नहीं मिल रहा है? एक सहरिया महिला की मौत हो गई है। इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा, प्रशासन लेगा या सरकार लेगी?” उन्होंने सरकार के ‘घर-घर खाद पहुंचाएंगे’ के दावे पर सवाल उठाया।


कड़ाके की ठंड में रात भर लाइन

प्रदेश के अधिकांश जिलों में खाद के लिए किसान लंबी कतारों में लगने और रात गुजारने को मजबूर हैं।

  • सबसे खराब स्थिति: गुना के बमोरी (बागेरी) और नानाखेड़ी मंडी (डबल लॉक केंद्र) में किसान रात में ही आकर डेरा डाले हुए हैं। लगभग 100 से अधिक किसान खुले आसमान के नीचे बिस्तर बिछाकर सोते दिखे।
  • किसानों की पीड़ा: नानाखेड़ी मंडी पर लाइन में लगी एक महिला किसान ने प्रशासन के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर खाद होता तो यहां तीन-चार दिन से पड़े रहना नहीं पड़ता। 20-25 लोगों को खाद मिल पाता है और फिर बंद हो जाता है। जनता की कौन सुनवाई कर रहा है?”

टोकन न मिलने पर कलेक्टर बंगले पहुंचे किसान

खाद की कमी के कारण किसानों का गुस्सा भी लगातार भड़क रहा है।

  • शाजापुर: गुरुवार सुबह खाद के टोकन न मिलने से नाराज बड़ी संख्या में किसान सीधे कलेक्टर बंगले पहुंच गए।
  • समस्या: टंकी चौराहे स्थित सोसाइटी में तकनीकी समस्या के कारण टोकन वितरण रुक गया था, जिससे असंतोष फैल गया।
  • समाधान: नायब तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाया और उन्हें वापस सोसाइटी ले गईं। नायब तहसीलदार की पहल पर किसानों को टोकन उपलब्ध कराए गए, जिसके बाद उनका गुस्सा शांत हुआ।

मारामारी वाले प्रमुख जिले

बड़वानी, खंडवा, शिवपुरी, बुरहानपुर, खरगोन, विदिशा और नर्मदापुरम सहित प्रदेश के कई जिलों में किसान खाद के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। समय पर पर्याप्त खाद नहीं मिलने से बुवाई पर असर पड़ रहा है।

विडंबना: अन्नदाता को जितनी खाद चाहिए, उतनी नहीं मिल पा रही है। मजबूरन किसान दोगुने दामों में बाजार से खाद खरीदने को मजबूर हैं, जिसका फायदा कालाबाजारी करने वाले व्यापारी उठा रहे हैं।


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