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विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के विवादास्पद बयानों के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन किया है। कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर मदनी के पुतले को जूते-चप्पलों से मारा और ‘मौलाना मदनी मुर्दाबाद’ के नारे लगाए। यह विरोध मौलाना मदनी के उस बयान के बाद शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि “जब-जब जुल्म होगा…जिहाद भी होगा।”

प्रदर्शन की प्रमुख बातें
- पुतला दहन: VHP कार्यकर्ताओं ने मौलाना मदनी का पुतला बनाकर उसे जूते-चप्पलों से मारा।
- नारेबाजी और पोस्टर: प्रदर्शनकारी ‘मौलाना मदनी मुर्दाबाद’ लिखे पोस्टर लेकर पहुंचे। कुछ पोस्टरों पर क्रॉस का निशान बनाकर संदेश दिया गया कि “भारत में यदि रहना होगा, वंदे मातरम कहना होगा।”
- VHP का आरोप: VHP के प्रांत सह मंत्री जितेंद्र चौहान ने मदनी के बयान को ‘वंदे मातरम, देश और हिंदू धर्म के खिलाफ’ बताते हुए कहा कि मौलाना मुस्लिम युवाओं को बहकाकर जिहाद और गृह युद्ध की तैयारी करवा रहे हैं। उन्होंने मदनी से पूछा, “जुल्म हो रहा है, तो बताएं कि कहां जुल्म हो रहा है।”
- राष्ट्रीय प्रवक्ता का बयान: VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने आरोप लगाया कि मदनी जैसे लोग मुस्लिम युवाओं को ‘जुल्म, जन्नत और जिहाद’ के नाम पर भटकाने की कोशिश कर रहे हैं और राष्ट्रीय स्वाभिमान को आहत कर रहे हैं। उन्होंने हलाल के नाम पर अवैध कमाई कर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश का भी आरोप लगाया।

मदनी का मूल बयान
विरोध प्रदर्शन मौलाना मदनी के उस बयान के बाद शुरू हुआ, जो उन्होंने भोपाल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की गवर्निंग बॉडी की बैठक में दिया था।

- नफरत फैलाने की कोशिश: “मौजूदा दौर में इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिशें बढ़ गई हैं।”
- ‘जिहाद’ का अर्थ: उन्होंने कहा कि जिहाद जैसे मुकद्दस शब्द को आतंक और हिंसा से जोड़ना जानबूझकर किया जा रहा है।
- गढ़े गए शब्द: “लव जिहाद, लैंड जिहाद, थूक जिहाद जैसे शब्द मुसलमानों को बदनाम करने के लिए गढ़े गए हैं।”
- संघर्ष का आह्वान: “इस्लाम में जिहाद का मतलब अन्याय और ज़ुल्म के खिलाफ संघर्ष है, और जब-जब जुल्म होगा…जिहाद भी होगा।”




