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भोपाल / गैस त्रासदी की 41वीं बरसी के अवसर पर राज्य सरकार और विभिन्न संगठनों द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।
राज्य सरकार द्वारा मुख्य घोषणाएँ और कार्यक्रम
- छुट्टी की घोषणा: 3 दिसंबर को त्रासदी की बरसी पर सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे।
- श्रद्धांजलि सभा:
- तिथि: बुधवार (4 दिसंबर, 2025 – अनुमानित, क्योंकि बरसी 3 दिसंबर को है)
- समय: सुबह साढ़े 10 बजे
- स्थान: बरकतुल्लाह भवन
- विवरण: सभी धर्मों के तहत प्रार्थना होगी और दिवंगत गैस पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसमें गैस राहत मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह मौजूद रहेंगे और अलग-अलग धर्मगुरु धर्मग्रंथों का पाठ करेंगे।
श्रद्धांजलि और विरोध रैली (आज शाम को)
दो प्रमुख संगठनों द्वारा आज शाम (मंगलवार) को रैलियाँ निकाली जा रही हैं:
| संगठन | कार्यक्रम | समय | मार्ग/स्थान | उद्देश्य |
| संभावना ट्रस्ट क्लिनिक | मोमबत्ती रैली | शाम (समय अज्ञात) | छोला गणेश मंदिर से शुरू होकर गैस माता मूर्ति तक | त्रासदी के मृतकों को श्रद्धांजलि। |
| भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन | मशाल-कैंडिल जुलूस | शाम 6 बजे | शाहजहांनी पार्क से | पीड़ितों को श्रद्धांजलि और सरकार से माँगे। |
गैस पीड़ितों की प्रमुख माँगे
भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक शावर खान ने सरकार से निम्नलिखित माँगे की हैं:
- स्वास्थ्य पर ध्यान: फैक्ट्री के जहरीले कचरे से दूषित पीने के पानी के कारण आसपास के 5 किलोमीटर के दायरे में गंभीर बीमारियों से पीड़ित हजारों लोगों की सेहत पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए।
- मुआवज़ा: पीड़ितों को बेहतर जीवनयापन के लिए पाँच गुना मुआवज़ा दिया जाए।
त्रासदी की भयावहता (41 साल बाद भी)
- घटना: भोपाल गैस त्रासदी 2-3 दिसंबर 1984 की रात को हुई थी।
- कारण: यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के एक टैंक से मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस का रिसाव।
- परिणाम: गैस आसपास की बस्ती तक पहुँची, जिससे कई लोग नींद में ही दम तोड़ दिए। चारों ओर भगदड़, लाशें, चीखें और धुंध का मंजर था।
- वर्तमान दर्द: 41 साल बीत जाने के बावजूद, गैस पीड़ित आज भी दुनिया की सबसे भयानक त्रासदी का दंश झेल रहे हैं। कई परिवारों ने अपनी तीन पीढ़ियां खो दी हैं और दर्द आज भी लोगों की आँखों में दिखता है।




