भोपाल के बड़ा तालाब में अब तैरेंगे डल-झील जैसे शिकारे
सीएम डॉ. मोहन यादव ने दिखाई हरी झंडी, आम लोग उठा सकेंगे नया अनुभव
Drnewsindia.comभोपाल राजधानी भोपाल के बड़ा तालाब में अब श्रीनगर की डल झील की तर्ज पर शिकारे दौड़ेंगे। बुधवार से कुल 20 शिकारे तालाब में उतार दिए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हरी झंडी दिखाकर इस अनोखी शुरुआत को जनता के लिए समर्पित किया।

कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी सहित बीजेपी और कांग्रेस के कई विधायक मौजूद रहे। पिछले साल 13 जून 2024 को नगर निगम ने एक शिकारा ट्रायल के लिए चलाया था, जो सफल रहने के बाद अब इसे बड़े स्तर पर शुरू किया गया है।
क्या होता है शिकारा?

शिकारा लकड़ी की एक खूबसूरत नाव होती है, जो मुख्य रूप से डल झील में देखने को मिलती है।
- आकर्षक डिज़ाइन व सजावट
- एक शिकारे में लगभग 6 लोग बैठ सकते हैं
- चालक पिछली तरफ से इसे चलाता है
- पर्यटकों की पसंदीदा बोटिंग अनुभव
भोपाल में इन शिकारे को डल-झील स्टाइल में सजाया गया है, जिससे सैलानियों को बिल्कुल वैसी ही फीलिंग मिल सके।
किराया और संचालन समय
नगर निगम के अनुसार—
- समय: सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक
- किराया: लगभग ₹150 प्रति व्यक्ति (अंतिम किराया तय होना बाकी)
- रूट: करीब 2.3 किलोमीटर का राउंड
- बीच में स्थित टापू (आइलैंड) के पास तक जाएगा
यह पहल स्थानीय लोगों के साथ-साथ देशभर से आने वाले पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण बनने जा रही है।
NGT ने क्यों रोके थे क्रूज और मोटर बोट?
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दो साल पहले भोज वेटलैंड (बड़ा तालाब), नर्मदा सहित प्रदेश की सभी जलाशयों पर क्रूज और मोटर बोट संचालन पर रोक लगा दी थी।
NGT के अनुसार—
- डीजल इंजन से निकलने वाला सल्फर व नाइट्रोजन ऑक्साइड पानी को एसिडिक बनाते हैं
- इससे इंसानों और जलीय जीवों को गंभीर खतरा
- पानी में कैंसरकारी तत्त्व बढ़ने की आशंका
इसी आदेश के बाद लेक प्रिंसेज क्रूज, जलपरी बोट, और लगभग 20 मोटर बोटों का संचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया था।
क्रूज बंद होने से था पर्यटकों में मायूसी
क्रूज और मोटर बोट बंद होने से बोट क्लब की रौनक पहले जैसी नहीं रही। रोजाना 1000 से ज्यादा लोग क्रूज सफर का आनंद लेने पहुंचते थे।
बंद होने के बाद लोग केवल प्राइवेट नावों के सहारे झील के नजारे देख रहे थे।
अब मिलेगा नया अनुभव
शिकारे शुरू होने से पर्यटकों को एक बिल्कुल नया और खूबसूरत अनुभव मिलेगा।
झील की शांति, रंगीन शिकारे और प्राकृतिक नजारा भोपाल को एक नई पहचान देंगे और पर्यटन को मजबूती मिलेगी।




