✈️ इंडिगो एयरलाइन संकट: छठे दिन भी जारी, 350+ उड़ानें रद्द, नियामक और आर्थिक प्रभाव

0
4

Drnewsindia.com

पिछले पाँच दिनों से चल रहा इंडिगो एयरलाइन का संकट छठे दिन (रविवार) को भी जारी रहा। शुक्रवार को लगभग 1600 और शनिवार को 800 से अधिक उड़ानों के रद्द होने के बाद, रविवार को भी 350 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल की गईं। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, भोपाल, इंदौर और त्रिची जैसे प्रमुख शहरों से जाने वाली उड़ानें बुरी तरह प्रभावित रहीं।

एयरलाइन ने दावा किया है कि उसने 138 में से 135 डेस्टिनेशंस पर फ्लाइट ऑपरेशन नॉर्मल कर दिया है और 95% रूट पर स्थिति सामान्य हो गई है। हालांकि, यात्रियों का भरोसा दोबारा जीतने के लिए कंपनी को काफी वक्त लगेगा।

संकट की जड़: DGCA के नए FDTL नियम

संकट की मुख्य जड़ नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा लागू किए गए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों में निहित है। DGCA ने यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और पायलटों तथा क्रू को पर्याप्त आराम सुनिश्चित करने के लिए इन नियमों को 1 जुलाई (पहला चरण) और 1 नवंबर (दूसरा चरण) से लागू किया था।

इन नियमों के कारण पायलटों और क्रू मेंबर्स को अनिवार्य साप्ताहिक आराम देना आवश्यक हो गया, जिससे इंडिगो के पास स्टाफ की अचानक कमी हो गई। इंडिगो, जो दिन भर में लगभग 2,300 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ऑपरेट करती है—जो एअर इंडिया की तुलना में लगभग दोगुनी है—उसे स्टाफ की इस कमी का सबसे बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा। बड़े पैमाने पर क्रू की उपलब्धता में आई बाधा से एयरलाइन का पूरा ऑपरेशन चरमरा गया।

सरकार का सख्त हस्तक्षेप और कड़े निर्देश

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, सरकार सख्त हो गई और इंडिगो संकट पर कड़े आदेश-निर्देश जारी किए।

  • रिफंड और बैगेज की समय सीमा: कंपनी को कैंसिल या रुकी हुई फ्लाइट्स के लिए पूरा रिफंड प्रोसेस 7 दिसंबर को रात 8 बजे तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, अगले 48 घंटों में यात्री बैगेज को ट्रेस करके डिलीवर करना होगा।
  • CEO से स्पष्टीकरण: कंपनी के CEO को 24 घंटे में यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि पिछले 5 दिन से जारी संकट के चलते कंपनी पर एक्शन क्यों न लिया जाए। जवाब न देने पर DGCA एकतरफा फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होगा।

हवाई किराए पर नियंत्रण

यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाकर अन्य एयरलाइंस द्वारा बढ़ाए जा रहे किराए पर लगाम लगाने के लिए भी सरकार ने हवाई किराए की सीमा तय कर दी है।

  • 500 किमी तक की दूरी: अधिकतम ₹7,500।
  • 500-1000 किमी तक की दूरी: अधिकतम ₹12,000।
  • कुल अधिकतम किराया: ₹18,000 तय किया गया है (हालांकि यह सीमा बिजनेस क्लास पर लागू नहीं होगी)।

इंडिगो की प्रतिक्रिया और संकट प्रबंधन

इंडिगो ने इस स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए कई कदम उठाए हैं:

  • माफी और रिफंड: एयरलाइन ने 5-15 दिसंबर के बीच की गई बुकिंग का पूरा पैसा बिना किसी सवाल के लौटाने की घोषणा की है और कस्टमर से माफी भी मांगी है।
  • क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप: इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने स्थिति पर नजर रखने के लिए एक उच्च-स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप में चेयरमैन विक्रम सिंह मेहता, बोर्ड डायरेक्टर्स, और CEO पीटर एल्बर्स जैसे शीर्ष अधिकारी शामिल हैं।

जांच और राहत

  • जांच पैनल: DGCA ने मौजूदा संकट के कारणों का पता लगाने के लिए चार सदस्यों का एक जांच पैनल बनाया है। यह कमेटी 15 दिन के अंदर रिपोर्ट और सुझाव देगी।
  • DGCA की अस्थायी राहत: केंद्र सरकार ने क्रू की कमी की समस्या से निपटने के लिए एयरलाइन, खासकर इंडिगो को 10 फरवरी 2026 तक अस्थायी राहत दी है और वीकली रेस्ट के बदले कोई भी छुट्टी नहीं देने के फैसले को वापस ले लिया है।

यात्री और परिचालन प्रभाव

यह संकट देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में सबसे बड़े परिचालन विफलताओं में से एक रहा है। मध्यप्रदेश (इंदौर से 24, भोपाल से 4) और हैदराबाद (115 फ्लाइट्स) जैसे स्थानों पर बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने से यात्रियों ने एयरपोर्ट पर हंगामा किया। चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर तीन दिनों से एक नेपाली पर्यटक फंसा रहा, जो इस संकट के व्यापक मानवीय प्रभाव को दर्शाता है। चेन्नई में रीशेड्यूल फ्लाइट्स भी बार-बार कैंसिल होने से यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई है।

सरकार का हस्तक्षेप यह सुनिश्चित करता है कि यात्री हित सर्वोपरि रहे और अन्य एयरलाइंस संकट का अनुचित लाभ न उठा पाएं। इंडिगो को यह भरोसा दोबारा हासिल करने के लिए अपनी परिचालन क्षमता और क्रू प्रबंधन को तत्काल दुरुस्त करना होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here