डीआर न्यूज इंडिणया
ऑक्सीजन सप्लाई की पाइपलाइन में आग लग गई। वॉर्ड में भर्ती 20 बच्चों को फौरन निकाल लिया गया। गार्ड न होने के कारण परिजन मरीज बच्चों को गोद में लेकर गिरते-लड़खड़ाते इमरजेंसी पहुंचे
कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के बाल रोग विभाग के वॉर्ड में बुधवार को ऑक्सीजन सप्लाई की पाइपलाइन में आग लग गई। वॉर्ड में भर्ती 20 बच्चों को फौरन निकाल लिया गया। गार्ड न होने के कारण परिजन मरीज बच्चों को गोद में लेकर गिरते-लड़खड़ाते इमरजेंसी पहुंचे, क्योंकि घटना के दौरान न उन्हें व्हीलचेयर मिली और न ही स्ट्रेचर। मौके पर गार्ड भी नहीं थे। अस्पताल के सुरक्षा गार्डों ने करीब 45 मिनट में अस्पताल में लगे फायर उपकरणों की मदद से आग पर काबू पाया। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई।
धुआं फैलने के कारण आसपास के विभागों के मरीजों और उनके परिजन को सांस लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। वे वॉर्ड से बाहर आ गए। हालांकि आग ज्यादा नहीं होने के चलते सुरक्षा कर्मियों ने फायर उपकरणों का प्रयोग करते हुए लगभग 45 मिनट में आग पर काबू पा लिया। जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। आग पर काबू पाने के बाद मरीजों को दोबारा से वार्ड में भर्ती किया गया।
पेट से निकलने लगा खून
बुलंदशहर के जटपुरा निवासी लवली (9) वॉर्ड में भर्ती थी। आग लगने के दौरान वह पहले तल से सीढ़ियों से उतरकर अपनी मां के साथ भूतल पर आ गई। मां ने बताया कि बच्ची के पेट में पश बनने के कारण जिम्स में ऑपरेशन किया गया है। हड़बड़ी में भूतल पर आने के कारण लवली के पेट में दिक्कत बढ़ गई। पेट में लगी नली निकल जाने के कारण खून निकलने लगा।
अग्निशमन विभाग को सूचना तक नहीं दी : जिम्स में पहली मंजिल पर बाल रोग विभाग में दोपहर 12:30 बजे पर शार्ट-सर्किट से ऑक्सीजन सप्लाई लाइन में आग लगी। इससे घटनाओं से निपटने के अधूरे इंतजाम जरूर सामने आ गए। अस्पताल में इतनी संवेदनशील घटना हुई, लेकिन अग्निशमन विभाग तक इसकी सूचना नहीं पहुंची। सीएफ प्रदीप चौबे का कहना है कि जिम्स में आग लगने की जानकारी उनके पास तक नहीं आई थी। जिम्स के पास फायर एनओसी है।