नरवाई न जलाकर किसान रोटर वेटर का करें उपयोग

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श्यामपुर
तहसील में नरवाई जलाने की समस्या किसानों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। पिछले दिनों ही आग लगने से करीब 60 एकड़ में गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। तहसीलदार राजेंद्र जैन ने तहसील कार्यालय में एक पत्रकारवार्ता कर किसानों को नरवाई नहीं जलाने की सलाह दी। इसके साथ-साथ उन्होंने इसके दूसरे उपायों की भी जानकारी दी।
श्री जैन ने कहा कि वर्तमान में मूंग और ग्रीष्मकालीन फसल की बोवनी करने के लिए नरवाई जलाने से आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। जबकि किसान अपना खेत तैयार करने के लिए नरवाई में आग न लगाकर रोटर वेटर का उपयोग कर खेत को साफ कर सकते हैं। आवश्यकता है बस किसानों को नरवाई जलाने से होने वाले दुष्परिणाम के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। प्रशासन को ग्राम पंचायत तर पर समाज सेवी संस्थाओं और नुक्कड़ नाटक माध्यम से किसानों को नरवाई जलाने से होने
जिला मुख्यालय की दमकल के भरोसे 90 गांव
दो तहसलों के पास एक भी दमकल नहीं है। जिला मुख्यालय की द मकल के भरोसे के 90 गांवहै। इससे एक ही दिन में कई जगह आगजनी की घटनाएं होने से काफी परेशानी होती है। एक दमकल होने से समय पर नहीं पहुंच पाती है। आगजनी की घटना होने के बाद बुदनी या प्राइवेट कंपनी की दमकल बुलाई जाती हैं और तब तक पूरी फसल जलकर राख हो जाती है।
किसानों को होना होगा जागरूक
नरवाई जलाने की समस्या एक ज्वलंत समस्या है। जिसे किसानों को समझना होगा। किसानों को जागरूक होकर नरवाई नहीं जलाने के लिए कदम उठाना होगा।
वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करना चाहिए। नरवाई जलाने से पर्यावरण प्रदूषण, तापमान में वृद्धि, जमीन की उर्वरा शक्ति कम होना, जल स्तर कम होना और आग के विकराल रूप लेने पर जानमाल के नुकसान के प्रति जागरूकता लाई जा सकती है।

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