दूल्हा घोड़ी चढ़कर अस्पताल पहुंचा, बीमारी से लड़ रही दुल्हन को गोद में उठाकर

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राजगढ़ / विवाह सिर्फ वर-वधु को जोड़ने के लिए एक रस्म नहीं, बल्कि यह 7 जन्मों का अटूट बंधन है। अक्षय तृतीय के विशेष मुहूर्त 30 अप्रैल को यह बात चरितार्थ हो गई। ब्यावरा के पंजाबी नर्सिंगहोम में 5 दिन से एक दुल्हन भर्ती थी। दुल्हन की तबीयत ऐसी नहीं थी कि वह अस्पताल से घर जाकर विवाह की रस्में पूरी कर पाए। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन, वर-वधु पक्ष ने तय किया, शादी की पूरी रस्में अस्पताल में ही करवाई जाएंगी। घोड़ी चढ़कर दूल्हा अस्पताल में बारात लेकर आया। इस अनूठे विवाह की चर्चा अब पूरे देश में है।
ब्यावरा में परम सिटी कॉलोनी निवासी वीरेंद्र सिंह बैस के के बेटे आदित्य सिंह की शादी 30 अप्रैल को कुंभराज के पुरुषोत्तम पुरा निवासी स्वर्गीय बलवीर सिंह सोलंकी की बेटी नंदिनी सोलंकी से तय हुई थी। शादी से 7 दिन पहले नंदिनी की तबीयत बिगड़ गई। स्थानीय स्तर पर 2 दिन इलाज के बाद नंदिनी को ब्यावरा के पंजाबी नर्सिंगहोम में भर्ती करवाया गया। 30 अप्रैल को वर-वधु पक्ष के लोगों ने अस्पताल के डायरेक्टर डॉ जफरुल्लाह खान पंजाबी से नंदनी को शादी के लिए घर भेजने के लिए कहा। डॉ पंजाबी ने बताया नंदनी की तबीयत अभी ऐसी नहीं है कि वह शादी के मंडप में जाकर फेरे ले सके।
निवासी अस्पताल में मंत्रोच्चार, फेरे, शादी की रस्में… घर की तरह सजावट
नंदनी और आदित्य की शादी करवाने के लिए अस्पताल को घर की तरह से सजवाया गया। वर-वधु के परिवार के साथ-साथ अस्पताल का स्टाफ शादी की तैयारियों में लग गया। बारात आने के समय डॉ पंजाबी और उनका पूरा स्टाफ वधु पक्ष के परिवार की तरह से बारात का इंतजार करते नजर आए। पंडित ने मंत्रोच्चार किया। हवन में आहुति दी गई। वर-वधु को 7 जन्मों के अटूट संबंधों में जोड़ने जोड़ने के के लि लिए फेरे हुए।
पूरी रस्मों को अदा कर शादी करवाई
अनूठा विवाह करवाने अस्पताल को घर की तरह सजाया, मंडप में मंत्रोच्चार के बीच पूरी कराई शादी की रस्में
2 साल बाद था मुहूर्त, अस्पताल में सजा मंडप
परिजन ने डॉ पंजाबी को बताया, 30 अप्रैल को नंदनी की शादी नहीं हुई तो फिर 2 साल बाद मुहूर्त आएगा। इस पर डॉ पंजाबी ने परिजन से कहा, शादी अस्पताल में होगी। डॉ जफरुल्लाह खान पंजाबी ने अस्पताल के अटेंडर वेटिंग रूम में मंडप सजवा दिया।
दुल्हन की तबीयत ऐसी नहीं थी कि उसे अस्पताल से शादी के लिए छुट्टी दी जाती। परिवार के लोगों ने बताया कि तय मुहर्त में शादी नहीं हुई तो फिर 2 साल बाद ही मुहूर्त आएगा। इससे अस्पतालू में ही शादी की तैयारियां करव करवाई। पूरी रस्मों को अदा कर शादी करवाई गई। डॉ जफरुल्लाह खान पंजाबी, डायरेक्टर, पंजाबी अस्पतालकराजगढ़
विवाह सिर्फ वर-वधु को जोड़ने के लिए एक रस्म नहीं, बल्कि यह 7 जन्मों का अटूट बंधन है। अक्षय तृतीय के विशेष मुहूर्त 30 अप्रैल को यह बात चरितार्थ हो गई। ब्यावरा के पंजाबी नर्सिंगहोम में 5 दिन से एक दुल्हन भर्ती थी। दुल्हन की तबीयत ऐसी नहीं थी कि वह अस्पताल से घर जाकर विवाह की रस्में पूरी कर पाए। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन, वर-वधु पक्ष ने तय किया, शादी की पूरी रस्में अस्पताल में ही करवाई जाएंगी। घोड़ी चढ़कर दूल्हा अस्पताल में बारात लेकर आया। इस अनूठे विवाह की चर्चा अब पूरे देश में है।
ब्यावरा में परम सिटी कॉलोनी निवासी वीरेंद्र सिंह बैस के के बेटे आदित्य सिंह की शादी 30 अप्रैल को कुंभराज के पुरुषोत्तम पुरा निवासी स्वर्गीय बलवीर सिंह सोलंकी की बेटी नंदिनी सोलंकी से तय हुई थी। शादी से 7 दिन पहले नंदिनी की तबीयत बिगड़ गई। स्थानीय स्तर पर 2 दिन इलाज के बाद नंदिनी को ब्यावरा के पंजाबी नर्सिंगहोम में भर्ती करवाया गया। 30 अप्रैल को वर-वधु पक्ष के लोगों ने अस्पताल के डायरेक्टर डॉ जफरुल्लाह खान पंजाबी से नंदनी को शादी के लिए घर भेजने के लिए कहा। डॉ पंजाबी ने बताया नंदनी की तबीयत अभी ऐसी नहीं है कि वह शादी के मंडप में जाकर फेरे ले सके।
निवासी अस्पताल में मंत्रोच्चार, फेरे, शादी की रस्में… घर की तरह सजावट
नंदनी और आदित्य की शादी करवाने के लिए अस्पताल को घर की तरह से सजवाया गया। वर-वधु के परिवार के साथ-साथ अस्पताल का स्टाफ शादी की तैयारियों में लग गया। बारात आने के समय डॉ पंजाबी और उनका पूरा स्टाफ वधु पक्ष के परिवार की तरह से बारात का इंतजार करते नजर आए। पंडित ने मंत्रोच्चार किया। हवन में आहुति दी गई। वर-वधु को 7 जन्मों के अटूट संबंधों में जोड़ने जोड़ने के के लि लिए फेरे हुए।
पूरी रस्मों को अदा कर शादी करवाई
अनूठा विवाह करवाने अस्पताल को घर की तरह सजाया, मंडप में मंत्रोच्चार के बीच पूरी कराई शादी की रस्में
2 साल बाद था मुहूर्त, अस्पताल में सजा मंडप
परिजन ने डॉ पंजाबी को बताया, 30 अप्रैल को नंदनी की शादी नहीं हुई तो फिर 2 साल बाद मुहूर्त आएगा। इस पर डॉ पंजाबी ने परिजन से कहा, शादी अस्पताल में होगी। डॉ जफरुल्लाह खान पंजाबी ने अस्पताल के अटेंडर वेटिंग रूम में मंडप सजवा दिया।
दुल्हन की तबीयत ऐसी नहीं थी कि उसे अस्पताल से शादी के लिए छुट्टी दी जाती। परिवार के लोगों ने बताया कि तय मुहर्त में शादी नहीं हुई तो फिर 2 साल बाद ही मुहूर्त आएगा। इससे अस्पतालू में ही शादी की तैयारियां करव करवाई। पूरी रस्मों को अदा कर शादी करवाई गई। डॉ जफरुल्लाह खान पंजाबी, डायरेक्टर, पंजाबी अस्पतालकराजगढ़
विवाह सिर्फ वर-वधु को जोड़ने के लिए एक रस्म नहीं, बल्कि यह 7 जन्मों का अटूट बंधन है। अक्षय तृतीय के विशेष मुहूर्त 30 अप्रैल को यह बात चरितार्थ हो गई। ब्यावरा के पंजाबी नर्सिंगहोम में 5 दिन से एक दुल्हन भर्ती थी। दुल्हन की तबीयत ऐसी नहीं थी कि वह अस्पताल से घर जाकर विवाह की रस्में पूरी कर पाए। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन, वर-वधु पक्ष ने तय किया, शादी की पूरी रस्में अस्पताल में ही करवाई जाएंगी। घोड़ी चढ़कर दूल्हा अस्पताल में बारात लेकर आया। इस अनूठे विवाह की चर्चा अब पूरे देश में है।
ब्यावरा में परम सिटी कॉलोनी निवासी वीरेंद्र सिंह बैस के के बेटे आदित्य सिंह की शादी 30 अप्रैल को कुंभराज के पुरुषोत्तम पुरा निवासी स्वर्गीय बलवीर सिंह सोलंकी की बेटी नंदिनी सोलंकी से तय हुई थी। शादी से 7 दिन पहले नंदिनी की तबीयत बिगड़ गई। स्थानीय स्तर पर 2 दिन इलाज के बाद नंदिनी को ब्यावरा के पंजाबी नर्सिंगहोम में भर्ती करवाया गया। 30 अप्रैल को वर-वधु पक्ष के लोगों ने अस्पताल के डायरेक्टर डॉ जफरुल्लाह खान पंजाबी से नंदनी को शादी के लिए घर भेजने के लिए कहा। डॉ पंजाबी ने बताया नंदनी की तबीयत अभी ऐसी नहीं है कि वह शादी के मंडप में जाकर फेरे ले सके।
निवासी अस्पताल में मंत्रोच्चार, फेरे, शादी की रस्में… घर की तरह सजावट
नंदनी और आदित्य की शादी करवाने के लिए अस्पताल को घर की तरह से सजवाया गया। वर-वधु के परिवार के साथ-साथ अस्पताल का स्टाफ शादी की तैयारियों में लग गया। बारात आने के समय डॉ पंजाबी और उनका पूरा स्टाफ वधु पक्ष के परिवार की तरह से बारात का इंतजार करते नजर आए। पंडित ने मंत्रोच्चार किया। हवन में आहुति दी गई। वर-वधु को 7 जन्मों के अटूट संबंधों में जोड़ने जोड़ने के के लि लिए फेरे हुए।
पूरी रस्मों को अदा कर शादी करवाई
अनूठा विवाह करवाने अस्पताल को घर की तरह सजाया, मंडप में मंत्रोच्चार के बीच पूरी कराई शादी की रस्में
2 साल बाद था मुहूर्त, अस्पताल में सजा मंडप
परिजन ने डॉ पंजाबी को बताया, 30 अप्रैल को नंदनी की शादी नहीं हुई तो फिर 2 साल बाद मुहूर्त आएगा। इस पर डॉ पंजाबी ने परिजन से कहा, शादी अस्पताल में होगी। डॉ जफरुल्लाह खान पंजाबी ने अस्पताल के अटेंडर वेटिंग रूम में मंडप सजवा दिया।
दुल्हन की तबीयत ऐसी नहीं थी कि उसे अस्पताल से शादी के लिए छुट्टी दी जाती। परिवार के लोगों ने बताया कि तय मुहर्त में शादी नहीं हुई तो फिर 2 साल बाद ही मुहूर्त आएगा। इससे अस्पतालू में ही शादी की तैयारियां करव करवाई। पूरी रस्मों को अदा कर शादी करवाई गई। डॉ जफरुल्लाह खान पंजाबी, डायरेक्टर, पंजाबी अस्पतालक

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