सीहोर / समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के लिए अब काफी कम उपज आ रही है। हालत यह है कि 240 खरीदी केंद्रों में से 40 पर पिछले 2 दिन से उपज नहीं आ रही है। इसलिए इन केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। इस बार देखा जाए तो 88 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया था जिसमें से 11 हजार 794 किसानों ने अपनी उपज मंडी में नहीं बेची।
इन किसानों ने अंतिम तारीख निकलने के बाद भी स्लाट बुक
नहीं कराया। इसलिए यह माना जा रहा है कि इन किसानों ने अपनी उपज मंडियों में विक्रय की। जिले में गेहूं खरीदी का काम चल रहा है जो 5 मई तक चलेगा। किसानों की सुविधा को देखते हुए गेहूं विक्रय के लिए स्लॉट बुक करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल निर्धारित की गई थी। किसान अपनी उपज विक्रय के लिए ई-उपार्जन पोर्टल पर 30
अप्रैल तक स्लॉट बुक किए। 76 हजार 498 ने ही बुक बुक किए स्लाटः गेहूं को बेचने के लिए जिलेभर में 88 हजार 292 किसानों ने पंजीयन कराया था। 30 अप्रैल तक गेहूं विक्रय करने के लिए स्लाट बुक करने की अंतिम तारीख थी। इस दौरान तक यहां पर 76498 किसानों ने ही स्लाट बुक किए। शेष 11794 किसानों ने स्लाट बुक नहीं किए। यानि इन किसानों ने अपनी उपज कृषि उपज मंडियों में विक्रय की। जिलेभर में अभी 4972 किसान ऐसे हैं जिन्होंने स्लाट तो बुक कराए हैं लेकिन उपज विक्रय करने अभी तक केंद्रों पर नहीं आए हैं। आने वाले दिनों में उम्मीद है कि इनमें से कुछ किसान उपज विक्रय करने आएंगे।
अधिकांश खरीदी केंद्रों पर सन्नाटा
अब खरीदी केंद्रों पर इक्का दुक्का किसान ही उपज लेकर आ रहे हैं। कई केंद्रों पर तो अब किसान पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। हालत यह है कि 40 से अधिक खरीदी केंद्रों पर अब खरीदी नहीं हो पा रही है। पिछले कुछ दिनों से अब खरीदी केंद्रों पर कहीं एक तो कहीं दो से तीन ट्रालियां ही आ रही हैं। हालांकि पिछले साल की खरीदी का रिकार्ड टूट चुका है। कई जगह किसानों को भुगतान होने में काफी समय लग रहा है।
पिछले दो सालों का टूटा रिकार्ड
इस बार खरीदी में पिछले दो सालों का रिकार्ड टूटा है। पिछले साल की बात करें तो 6 लाख 5 हजार टन गेहूं की खरीदी हुई थी। इसी तरह उससे पहले 4.54 लाख टन की खरीदी हुई। इस बार 6 लाख 26 हजार टन गेहूं खरीदा जा चुका है। इस संबंध में जिला उपार्जन प्रभारी आकाश चंदेल ने बताया कि अभी सभी केंद्र खुले हैं। 40 केंद्र ऐसे हैं जहां पिछले दो दिन से खरीदी नहीं हुई है। हालांकि इस बार 6 लाख 26 हजार टन की खरीदी अभी तक हो चुकी।