ग्वालियर। हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में यूं तो बहुत से शिकायती आवेदन आते हैं, लेकिन ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। जहां एक शराब छोड़ चुका मजदूर पहुंचा। लंबे इंतजार के बाद जब उसका नंबर आया तो वह जनसुनवाई में मौजूद अधिकारी SDM विनोद सिंह के पास आवेदन लेकर पहुंच गया। अधिकारी ने जैसे ही आवेदन पड़ा तो वह हैरान हो गए। तत्काल आबकारी विभाग के अधिकारी को बुलाया और आवेदन पर चर्चा के निर्देश दिए।
आबकारी विभाग के अधिकारी ने जब उस आवेदनकर्ता से बातचीत की तो उसने बताया कि उसका नाम राजेंद्र कुमार निवासी गोल पहाड़िया है। राजेंद्र ने यह भी बताया कि वह पेशे से मजदूर है और शराब छोड़ चुका है। ऐसे में वह भूतपूर्व शराबी है। आवेदन के जरिये मजदूर राजेंद्र ने आबकारी अधिकारी को बताया कि एक आम मजदूर हर रोज मजदूरी कर 600 रुपये कमाता है। लेकिन जगह जगह मिलने वाली शराब को वह पीने का आदि हो गया है। 600 रुपये में से वह रात तक 400 रुपये के लगभग की शराब पी जाता है। उसके घर वालों को बड़ी मुश्किल से 200 से 100 रुपये मिल पाते है। जिससे घर चलना बहुत मुश्किल होता है। इस पीड़ा से सबक लेकर उसने शराब पीना छोड़ दिया।
आधार कार्ड के जरिए शराब देने की मांग
ऐसे में सभी मजदूरों की शराब की लत को छुड़ाने के लिए एक नियम बना दिया जाए। जिसके तहत मजदूर शराबी को आधार कार्ड के जरिये ज्यादा से ज्यादा 02 शराब के क्वार्टर ही मिले। यदि ऐसे सख्त नियम बना दिये जायें तो मजदूर शराब पीना कम करेंगे। जिससे उस मजदूर के परिवार को कमाई के 600 रुपये में से कम से कम 400 रुपये बचेंगे। कलेक्टर महोदया आवेदन पर गौर करते हुए मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखकर उस पर संज्ञान लें।