सीहोर / बिजली कंपनी के डीई अमित राय पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के चीफ इंजीनियर को दस्तावेजों के साथ की गई शिकायत में दावा किया गया है कि डीई अमित राय ने नवीन विकसित कॉलोनियों के इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य में कॉलोनी का क्षेत्रफल कम बताकर कंपनी को करीब एक करोड़ रुपए के राजस्व की हानि पहुंचाई है। शिकायत में उन सात कॉलोनियों के नाम भी दिए गए हैं, जिनके इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य में भ्रष्टाचार कर कंपनी को नुकसान पहुंचाया गया है। शिकायत को लेकर बिजली कंपनी के एसई राकेश नायक जांच कराने की बात कह रहे हैं।
एसई नायक ने पत्रिका को बताया कि जांच के लिए दो डीई की टीम बनाई है, हालांकि डीई के खिलाफ जांच समकक्ष अफसर डीई से ही कराना कितना ठीक है, यह तो बिजली कंपनी के वरिष्ठ अफसर ही ज्यादा अच्छे से समझ पाएंगे, लेकिन यह तय है कि डीई अमित राय के खिलाफ जांच ठीक से हुई तो यह मामला केवल सात कॉलोनी तक सीमित नहीं रहेगा, शहर में ऐसी करीब 23 कॉलोनी बताई जा रही हैं, जिनके इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य में भ्रष्टाचार किया गया है।
रिश्वत के आरोप
बिजली कंपनी के डीई अमित राय के खिलाफ इंडियन वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से की गई शिकायत में आरोप है कि नवीन विकसित कॉलोनियों में इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य की एवज में एक कॉलोनाइजर से दो लाख रुपए तक रिश्वत ली जा रही है। शिकायतकर्ता का दावा है कि नवीन विकसित कॉलोनी का रिकॉर्ड में क्षेत्रफल कम दिखाकर प्लाट संख्या कम बताकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इससे कॉलोनाइजरों को दो फायदे होते हैं। पहला कि वह तीन एकड़ की कॉलोनी को बिजली कंपनी के एस्टीमेंट में दो एकड़ की बताकर इंफ्रास्ट्रक्चर में आसानी से कटौती कर लेता है, दूसरा इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगने वाले 5 प्रतिशत शुल्क की राशि भी कंपनी को जमा नहीं करनी पड़ती है। इससे बिजली कंपनी को दोहरा नुकसान हो रहा है। पहला दो साल बाद जैसे ही कॉलोनी बिजली कंपनी के हैंडओवर होगी, कंपनी को तीन एकड़ क्षेत्रफल के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर लगाना पड़ेगा, दूसरा इंफ्रास्ट्रक्चर पर 5 प्रतिशत राशि भी नहीं मिलेगी।
आप पूछने के हकदार नहीं
पत्रिका की तरफ से डीई अमित राय का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया गया। उन्होंने इस बारे में अपना पक्ष रखने से इनकार कर दिया। डीई राय ने तर्क दिया है कि आप इस बारे में मुझसे कुछ नहीं पूछ सकते हैं।
घ् बिजौरी स्थित रुद्रांश धाम इआपी नंबर 202928 में बिजली कंपनी ने 112 प्लाट बताए हैं, जबकि यहां पर करीब 260 प्लाट हैं। बिजली कंपनी की गाइड लाइन के हिसाब से यहां करीब 662 केवी का लोड बनता है, लेकिन यहां पर 310 केवी लोड स्वीकृत किया गया है। बिजली कंपनी को करीब 19 लाख रुपए के राजस्व का सीधे नुकसान होने की बात कही गई है।
सैकड़ाखेड़ी रोड स्थित गजानंद विहार इआरपी नंबर 2008876 में बिजली कंपनी ने प्लाट संख्या 33 बतताई है, जबकि यहां 65 प्लाट हैं। बिजली कंपनी ने 120 केवी का लोड स्वीकृत किया है। इस कॉलोनी में गाइड लाइन के हिसाब से 115केवी लोड कम बताया गया है। कंपनी को सीधे तौर पर करीब 90 हजार रुपए का नुकसान बताया जा रहा है।
बडियाखेड़ी स्थित लक्ष्मण वाटिका इआपी नंबर 195378 में प्लाट संख्या 114 बताई गई है। एस्टीमेंट में 383केवी लोड की स्वीकृति दी गई है, जबकि यहां 190 प्लाट हैं, इस हिसाब से करीब 582 केवी लोड बनता है। कंपनी को करीब डेढ़ लाख रुपए के राजस्व की हानि हुई।
लसूडिया परिहार स्थित श्रीकृष्णा कॉलोनी इआरपी नंबर 163307 में कंपनी ने 40 प्लाट के हिसाब से एस्टीमेट बनाया। 100 केवी लोड स्वीकृत किया, यहां 110 से ज्यादा प्लाट हैं। 238 केवी लोड कम बताकर बिजली कंपनी को करीब पौने दो लाख रुपए का नुकसान बताया जा रहा है।
श्याम विहार कॉलोनी ईआरपी नंबर174473 में बिजली कंपनी के एस्टीमेट के हिसाब से 41 प्लाट हैं। बिजली कंपनी ने 125केवी लोड स्वीकृत किया है, जबकि यहां 60 के करीब प्लाट हैं, कंपनी के एस्टीमेंट में गाइड लाइन के हिसाब से करीब 149 केवी लोड कम बताकर कंपनी को 80 हजार रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचाया है।
बालाजी धाम इआरपी नंबर 149519 में बिजली कंपनी के एस्टीमेट के हिसाब से 21 प्लाट बताए गए हैं, यहां 123केवी का लोड स्वीकृत किया है। शिकायतकर्ता का दावा है कि यहां बिजली कंपनी के अफसरों ने 17 प्लाट कम बताकर एस्टीमेंट में 52केवी लोड कम किया है, जिससे बिजली कंपनी को करीब 50 हजार रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। इन सभी कॉलोनी में इंफ्रास्ट्रक्चर का भी बिजली कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ है।
ऐसी गड़बड़ियां कई जगह की गई हैं
गोपनीय कार्रवाई है
नवीन कॉलोनियों में इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य को लेकर जो शिकायत हुई है, उसकी जांच के लिए दो सीनियर डीई की कमेटी जांच के लिए बनाई है। कमेटी में जो डीई हैं, उनके नाम सार्वजनिक नहीं कर सकते, यह गोपनीय कार्रवाई है।
-राकेश नायक, एसई बिजली कंपनी, सीहोर