बीएससी-बीकाॅम की जरूरत, व्यवस्थाएं भी, फिर भी पाठ्यक्रम की मंजूरी नहीं

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विदिशा / गुलाबगंज से विदिशा व गंजबासौदा जाते हैं छात्र
शासकीय कॉलेज गुलाबगंज में भी बीएससी व बीकॉम पाठ्यक्रम को लेकर काफी प्रयास किया गया। आश्वासन मिलने के बाद आवेदन तो ले लिया गया, लेकिन अब तक अनुमति नहीं मिल सकी है। कॉलेज प्राचार्य डॉ. संजीव जैन बताते हैं कि वर्तमान में गुलाबगंज व आस-पास से छात्र-छात्राएं बीएससी व बीकॉम की पढ़ाई करने के लिए 20 किलोमीटर दूर गंजबासौदा या फिर 28 किलोमीटर दूर विदिशा तक जाती हैं। यहां ये दोनों पाठ्यक्रम शुरू हो जाएं तो पहले ही सत्र में कम से कम 100 छात्र-छात्राएं बढ़ जाएंगी। अभिभावक भी बीएससी व बीकॉम की पढ़ाई शुरू कराने की मांग कर रहे हैं।
लटेरी काॅलेज को भी मिली मायूसी
शासकीय कॉलेज लटेरी में पीजीडीसीए व बीएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम की शुरुआत के लिए प्रयास किया जा रहा है। लेकिन, अभी तक बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से अनुमति नहीं मिली है। कॉलेज प्राचार्य शैलेंद्र सिंह राजपूत की माने तो यदि दोनों पाठ्यक्रम की शुरुआत होती तो कम से कम 100 छात्र-छात्राओं का प्रवेश होता। अब तक केवल आश्वासन मिला है। प्राचार्यों का कहना है कि अभिभावकों को नए पाठ्यक्रम की शुरुआत का बेसब्री से इंतजार था। खासतौर पर अभिभावक बेटियों को दूर भेजने से झिझकते हैं। कई को मजबूरन में बीए की पढ़ाई करनी पड़ती है।
शासकीय कॉलेज शमशाबाद के अलावा नटेरन व गुलाबगंज में बीएससी व बीकॉम पाठ्यक्रम शुरू करने की जरूरत है। वहां छात्र-छात्राओं के बैठने सहित अन्य व्यवस्थाएं भी हैं। लेकिन, इस बार भी पाठ्यक्रमों की शुरुआत संभव नहीं है। सारी कवायद केवल आश्वासन व आवेदन तक सीमित होकर रह गई हैं। नए शैक्षणिक सत्र में गत वर्षों की भांति इस बार भी बीएससी व बीकॉम की पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राओं को 20 से लेकर 50 किलोमीटर तक की दूरी तय करनी पड़ेगी। पढ़ाई के लिए को लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़े।
इसलिए नए सत्र से कॉलेजों में ये दोनों पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री व स्थानीय सांसद शिवराज सिंह चैहान की ओर से यह आश्वासन मिलने के बाद छात्र-छात्राओं में इन पाठ्यक्रमों के शुरुआत की उमीद जगी थी। आश्वासन मिलने पर कॉलेजों की ओर से आवेदन भी किए गए, लेकिन नतीजा सिफर रहा। नए पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति नहीं मिली है। अब इस सत्र में उमीद भी नहीं है।
शमशाबाद से विदिशा जाने को मजबूर छात्र और छात्राएं
शासकीय कॉलेज शमशाबाद में केवल बीए पाठ्यक्रम संचालित है। बीएससी व बीकॉम के लिए काफी प्रयास के बाद भी अनुमति नहीं मिली। मजबूरन शमशाबाद व आसपास के छात्र-छात्राओं को 50 किलोमीटर दूर विदिशा, 48 किलोमीटर दूर सिरोंज या फिर 35 किलोमीटर दूर लटेरी कॉलेज में प्रवेश लेना पड़ता है। कॉलेज प्राचार्य डॉ. सिद्धार्थ गौतम का कहना है कि यहां बीएससी व बीकॉम पाठ्यक्रम शुरू हो जाए तो छात्र-छात्राओं की संया में कम से कम ढाई सौ की बढ़ोतरी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि कॉलेज में छात्र-छात्राओं के बैठने के लिए पर्याप्त स्थान है। जरूरत केवल अनुमति व फैकल्टी की है।
नटेरन से विदिशा या सिरोंज जाने की मजबूरी
शासकीय कॉलेज नटेरन में बीएससी व बीकॉम की पढ़ाई नहीं होने से छात्र-छात्राओं को मजबूरन 35 किलोमीटर दूर विदिशा में या फिर 55 किलोमीटर दूर सिरोंज में प्रवेश लेना पड़ता है। प्राचार्य डॉ. बी. सिंह के मुताबिक इन दोनों पाठ्यक्रमों की अनुमति मिल जाए तो कॉलेज में विद्यार्थियों की संया तीन गुना हो जाएगी। अभी बीए में 350 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। उन्होंने बताया कि कॉलेज में पाठ्यक्रम शुरू करने को लेकर बैठक व्यवस्था के साथ अन्य सुविधाएं बनाना संभव है।

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