सीहोर / हर कदम पर हमें गुरु के बताए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए, हमारे जीवन में सद्गुरु भगवान की कृपा से मिलते है। भगवान गणेश प्रथम पुज्य होते है, लेकिन भगवान गणेश के पहले गुरु सबसे पुज्यनीय है। उक्त विचार शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित सीवन लाइफ कालोनी ने मारुति नंदन नव युवक संगठन के तत्वाधान में मानस मर्मज्ञ अंतर्राष्ट्रीय संत श्री श्री 1008 श्री राम बाबा कोकिल अनंत में विलीन होने पर सुंदरकांड और श्रीराम कर्तिन के पहले पुष्पांजली देते हुए श्री श्री 108 श्री महंत श्री हरिराम दास हंसदास मठ ने कहे। बाबा कोकिल श्रीधाम वृंदावन में गत दिनों देह त्याग दी थी, इसी क्रम में मारुति नंदन नवयुवक संगठन दिव्यात्मा की शांति हेतु श्रद्धांजलि सभा एवं सुंदरकांड का आयोजन रखा गया। समिति के अध्यक्ष ओ पी गूजर द्वारा बताया गया कि गुरुदेव के अनन्य शिष्यों द्वारा भावपूर्ण श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। महंत हरिराम दास जी द्वारा राम नाम संकीर्तन किया गया । श्री राम जी बाबा कोकिल के कृपा पात्र एवं समिति के सदस्यों में मुख्य रूप से ओम प्रकाश गुर्जर, अजय मिश्रा, रवि ठकराल, उमेश, राजेंद्र, दीपेश, अखिलेश, विनोद, विशाल, देवेंद्र सहित बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित थे, संकीर्तन के पश्चात महंत ने गुरु महिमा का गुणगान किया। कहा कि गुरु तो अपरंपार हैं। सभी गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए। अगर कोई गुरु का अपमान करता है तो उसे जीवन का सच्चा ज्ञान कभी भी प्राप्त नहीं हो सकता। इसलिए गुरू का सदैव सम्मान करो। गुरु बिना ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता और न ही मुक्ति। गुरु कभी हमसे नहीं जुदा होते है, वह अपनी दी हुई शिक्षा से शिष्यों का कल्याण करते है और शिष्य अगर उनकी बताई शिक्षा पर अमल करता है तो उसका लाभ उसको हमेशा मिलता है।