भोपाल / एमडीआर टीबी मरीजों के लिए पहले से अधिक प्रभावी उपचार बीपीएलएम की शुरुआत बुधवार से भोपाल जिले में की गई। जल्द ही प्रदेश के अन्य जिलों में भी ये उपचार प्रारम्भ होगा। जिला क्षय केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में इन दवाइयों के उपयोग और मरीजों को होने वाले चिकित्सकीय लाभ की जानकारी दी गई।
इस अवसर पर स्टेट ट्यूबरक्लोसिस डेमोंस्ट्रेशन सेंटर डायरेक्टर डॉ. मनोज वर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी, श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित तोमर, स्टेट ड्रग स्टोर प्रभारी डॉ. नीलम धवन, जिला क्षय अधिकारी डॉ. प्रांजल खरे सहित क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के मैदानी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम में 35 वर्षीय एमडीआर टीबी मरीज को दवा सेवन एवं फूड बास्केट प्रदान किया गया। यह दवाइयां मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस मरीजों के लिए बेहद उपयोगी है। बीपालएम उपचार पद्धति में चार दवाओं बेडाक्विलाइन, प्रीटोमैनिड, लाइनजोलिड और मोक्सीफ्लोक्सासिन शामिल है। इन दवाइयों का डोज पिछली एमडीआर-टीबी उपचार प्रक्रिया की तुलना में अधिक प्रभावी और तेज उपचार विकल्प साबित हुआ है। पारंपरिक एमडीआर-टीबी उपचार 20 महीने तक चल सकते हैं, जबकि बीपीएलएम उपचार पद्धति दवा प्रतिरोधी टीबी को केवल 6 से 9 महीने में ठीक कर सकती है।