समस्या हल होने की उम्मीद में 80 किमी दूर से आए 155 शिक्षक, बीईओ ही नहीं पहुंचे

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एक जून से शिक्षकों के अवकाश खत्म हो जाएंगे, वह स्कूल जाने लगेंगे। इससे पहले इनकी समस्याएं सुनने और उनका निराकरण को लेकर समस्या निवारण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। बुधवार को राघौगढ़ और बमोरी ब्लॉक के तहत आने वाले आठ संकुल के शिक्षकों की समस्याएं सुनने को लेकर जिला मुख्यालय स्थित जिला शिक्षा केंद्र सभागार में शिविर आयोजित किया गया। सुबह 10 बजे से ही शिक्षकों का आना शुरू हो गया था। शाम तक कुल १५५ शिक्षक पहुंचे। शिक्षकों को उम्मीद थी कि उनकी सुनवाई होगी। लेकिन स्थिति बिल्कुल उल्टी थी। दोनों ही ब्लॉक बीईओ तक गैरहाजिर थे, उन्होंने अपनी जगह शिक्षकों को प्रतिनिधि के रूप में भेज दिया। कई शिक्षकों ने तो बीईओ के प्रतिनिधियों को देख तंज कसा कि यह तो हमसे भी जूनियर हैं, कैसे हमारी बात को सुनेंगे। हालांकि प्राचार्यों को निगरानी के लिए बिठाया गया था। कुल मिलाकर शिविर को जिम्मेदार अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया।
एक घंटे बिजली गुल, गर्मी से हुए बेहाल
शिविर के दौरान सुबह 11 बजे से ही बिजली गुल हो गईं। शिक्षक गर्मी से बेहाल हो गए। पसीने से तरबतर शिक्षक दस्तावेजों से हवा करते दिखाई दिए। एक शिक्षक ने कहा कि कम से कम ठंडा पानी और गर्मी से बचाव का इंतजाम तो करना था।
मेल आइडी और मोबाइल नंबर अपडेट नहीं
नलखेड़ा के शिक्षक जिनेंद्र सिंह एनपीएस में मोबाइल नंबर और मेलआइडी ठीक कराने के लिए भटक रहे हैं। कई बार आवेदन दिए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। शिविर में समस्या लेकर पहुंचे तो कहा गया कि ट्रेजरी में जाएं, इस पर शिक्षक कहा कि शिविर में ट्रेजरी से भी कोई कर्मचारी को बुलाया चाहिए था। ताकि मौके पर ही सुनवाई हो जाती।
शिक्षकों को प्रतिनिधि बनाकर भेजा
शिविर में राघौगढ़ बीईओ सुरेंद्रचंद्र आर्य नहीं आए। उन्होंने अपनी जगह जामनेर के एक शिक्षक को प्रतिनिधि के रूप में भेज दिया। पता चला कि वह अवकाश पर गए हुए हैं। इसी तरह बमोरी बीईओ आशुतोष श्रीवास्तव भी शिविर में नहीं आए। वह भी छुट्टी पर थे। इन दोनों बीईओ की जगह सिर्फ बमोरी के बाबू और दो शिक्षकों ने मोर्चा संभाला। जबकि जिला मुख्यालय से डाइट प्राचार्य एसके वशिष्ठ को निगरानी के लिए बिठाया गया। इधर शिक्षकों की नाराजगी के बाद सहायक संचालक राजेश गोयल और प्राचार्य उमावि क्रमांक 2 आसिफ खान शिविर में पहुंचे।
एरियर का भुगतान अभी तक नहीं हुआ रिटायर्ड शिक्षक नन्नूलाल कोरी ने बताया कि उन्हें भी एरियर का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जबकि उनसे पहले और बाद वाले में रिटायर्ड हुए शिक्षकों का भुगतान हो चुका है।
मधुसूदनगढ़ से रिटायर्ड शिक्षक राममूर्ति सेन भी शिविर में समस्या लेकर पहुंचे। उन्होंने सभी शिक्षकों के अर्जित अवकाश का भुगतान न होने का मामला उठाया और शिविर में मौजूद प्राचार्य को बताया कि प्रदेश के कई जिलों में भुगतान हो चुका है, लेकिन गुना में ही सुनवाई नहीं हो रही है। शिक्षक 80 किमी दूर से शिविर में पहुंचे थे।शिक्षक समस्या निवारण शिविर में बमोरी और राघौगढ़ बीईओ नहीं आए। हमने दो प्राचार्य और सहायक संचालक की ड्यूटी लगाई थी ताकि शिक्षकों को कोई परेशानी न हो। बाद में मैं खुद शिविर में गया था। शिक्षकों की समस्याएं सुनी गईं। इनका निराकरण किया जाएगा। वहीं शिक्षकों के गर्मी में पानी न मिलना, गर्मी से परेशान होने संबंधित शिकायत मिलते ही तत्काल सुविधाएं उपलब्ध करा दी थीं। पानी का इंतजाम जिला शिक्षा केंद्र के पास किया गया था। अगले शिविर में इन सभी समस्याओं को दूर कर देंगे। -चंद्रशेखर सिसौदिया, डीईओ
ये शिकायतें भी आईं
अर्जित अवकाश का नकदीकरण न होने से लेकर शिक्षक वेतनवृद्धि, क्रमोन्नति, समयमान वेतन मान, वेतन निर्धारण, विभिन्न प्रकार के अवकाश स्वीकृति के लंबित प्रकरण, सेवा निवृत्त होने वाले शिक्षकों के पेंशन प्रकरण सहित कई समस्याएं शिक्षक शिविर में लेकर पहुंचे।

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