आष्टा / मेवाड़ को सुरक्षित रखने के लिए महाराणा प्रताप ने कई युद्ध लड़े और जीते, लेकिन सबसे प्रसिद्ध युद्ध उन्होंने तत्कालीन मुगल बादशाह अकबर के खिलाफ लड़ा था। जो हल्दी घाटी का युद्ध था। महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा में ऐसी कई कहानियां प्रसिद्ध हैं, जिन्हें सुनकर किसी भी व्यक्ति में जोश आ जाएगा। उनके पराक्रम और वीरता के चर्चे आज भी प्रेरणा देते हैं।
यह बात नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने आष्टा परदेशीपुरा चौराहा पर महाराणा प्रताप की जयंती पर निकले चल समारोह का स्वागत करते हुए कही। जयंती कार्यक्रम के अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष नरेश मेवाड़ा, जिला पंचायत अध्यक्ष रचना मेवाड़ा, भाजपा नेता रायसिंह मेवाड़ा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष जीवनसिंह मंडलोई थे। सर्वप्रथम उपस्थितजनों ने महाराणा प्रताप को स्मरण करते हुए उनके चित्र के समक्ष श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
मेवाड़ा ने कहा कि मेवाड़ की शौर्य भूमि धन्य है, जहां वीरता और दृढ प्रण वाले प्रताप का जन्म हुआ। मेवाड़ की धरती को मुगलों के आतंक से बचाने वाले ऐसे वीर सम्राट, शूरवीर, राष्ट्र गौरव, पराक्रमी, साहसी, राष्ट्रभक्त जिन्होंने इतिहास में अपना नाम अजर अमर कर दिया। उन्होंने धर्म व स्वाधीनता के लिए अपना बलिदान दिया। इस अवसर पर भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष प्रतिनिधि विशाल चैरसिया, नपाउपाध्यक्ष प्रतिनिधि भूरू खां, स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर रूपेश राठौर, पार्षद रवि शर्मा, तारा कटारिया, डॉ. सलीम खान, सुभाष नामदेव उपस्थित थे।
कांग्रेस ने किया स्वागत
महाराणा प्रताप जयंती पर निकले चल समारोह का ब्लॉक नगर कांग्रेस कमेटी ने स्वागत किया। इस दौरान महाराणा प्रताप के देश में दिए योगदान को याद किया। इस अवसर पर पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार, एआइसीसी सदस्य हरपाल ठाकुर, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष जितेंद्र शोभाखेड़ी, नगर कांग्रेस अध्यक्ष जाहिद खान, महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष गुलाब बाई ठाकुर, जिला पंचायत सदस्य कमल सिंह चौहान, घनश्याम जांगड़ा, सुनील कटारा, चेतन सेमलीबारी, नरेंद्र कुशवाह उपस्थित थे।