थाने की पुलिस सोती रही, साइबर क्राइम ने आईपीएल सट्टा पकड़ा, 9 दबोचे, 1.20 करोड़ का मिला ट्रांजेक्शन

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विदिशा / स्थानीय पुलिस को सट्टा रैकेट की जानकारी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की, इसीलिए एसपी ने साइबर सेल को सौंपी जिम्मेदारी
पठारी थाना पुलिस और साइबर सेल ने मिलकर आईपीएल क्रिकेट सट्टा रैकेट का पर्दाफाश किया। इसमें 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 41 लाख 50 हजार का माल जब्त हुआ। एक मास्टर आईडी के जरिए करोड़ों रुपए का लेन-देन सामने आया है। इसका मास्टरमाइंड बीना का एक शख्स बताया जा रहा है। वहीं, दो एजेंट आईडी चलाने वाले आरोपी पकड़े गए हैं। इनमें से एक आरोपी अतुल व्यास पठारी की उप सरपंच का बेटा है। उसकी अईडी से करीब 1.20 करोड़ का ट्रांजेक्शन मिला है।
2 जून को पठारी थाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि खुई रोड वेयरहाउस के पास एक सफेद स्कॉर्पियो (एपी 04 जेड जेड 7966) में कुछ लोग ऑनलाइन सट्टा खेल रहे हैं। पुलिस ने तुरंत साइबर सेल के साथ कार्रवाई की। स्थानीय पुलिस को सट्टा रैकेट की जानकारी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की।
लोकल पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
सूत्रों के मुताबिक, लोकल पुलिस को इस सट्टा रैकेट की जानकारी पहले से थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। आखिरकार, एसपी रोहित काशवानी ने साइबर सेल को सक्रिय कर इस गिरोह को पकड़ने का निर्देश दिया। साइबर सेल और पठारी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने इस काले कारोबार का भंडाफोड़ किया।
आईडी से बनाई जाती थीं एजेंट आईडी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह कई सालों से ऑनलाइन सट्टेबाजी का जाल बिछाए हुए था। सट्टा एप्स जैसे बेटगुरु 247. नेट और सुपर. बेटगुरु 247. नेट के जरिए यह गैंग मास्टर आईडी, डीलर आईडी और यूजर आईडी की एक सुनियोजित चेन के तहत काम कर रहा था। साइबर सेल के एसआई गौरव रघुवंशी ने बताया कि मास्टर आईडी
मास्टरमाइंड और उसके गुर्गों के माध्यम से खिलाया जाता था
मुख्य आरोपी अतुल व्यास, बृजेश कुशवाहा और सौरभ राजपूत इस रैकेट के बड़े खिलाड़ी निकले। अतुल व्यास की स्कॉर्पियो में सट्टा चल रहा था और उसके पास से 1.20 करोड़ रुपए के लेन-देन का रिकॉर्ड मिला। ये एजेंट आईडी के माध्यम से यूजर आईडी बनवाकर सट्टा खिलवाता था। बृजेश कुशवाह के पास 2.49 लाख की सट्टा आईडी थी। जबकि सौरभ के पास 90,000 रुपए का आईफोन जब्त हुआ। अन्य आरोपियों में जितेंद्र लोधी, छोटू मियां, दिनेश लोधी, कुलदीप लोधी, देव चैरसिया और प्रदीप लोधी शामिल हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गैंग बीना के एक बड़े सटोरिए के इशारे पर काम कर रहा था।
के तहत एजेंट आईडी बनाई जाती थीं। फिर एजेंट आईडी के माध्यम से यूजर आईडी बनाकर सट्टा खिलाते थे। सट्टा खेलने के लिए पॉइंट्स का इस्तेमाल होता था, जिसकी लिमिट डीलर तय करते थे। यह गैंग हाई-टेक एप्स के जरिए आईपीएल क्रिकेट मैचों पर सट्टा चलाता था। इसमें बड़े सटोरिए मास्टरमाइंड की भूमिका में थे।
कार्रवाई जारी रहेगी
आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब बीना के मास्टरमाइंड और अन्य संलिप्त लोगों की तलाश में जुटी है। ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ हमारी कार्रवाई जारी रहेगी। यह एक बड़ी सफलता है, लेकिन हम इस रैकेट की जड़ तक जाएंगे।
-रोहित काशवानी, एसपी

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