अशोक नगर / शहर के संकट मोचन बल्ड़ी पर निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में बुधवार सुबह करीब 8रू30 बजे एक मजदूर की क्रेन के नीचे दबने व सिर में सरिया घुसने से मौत हो गई। मजदूर की मौत के पीछे निर्माण एजेंसी की लापरवाही सामने आई है। दरअसल बुधवार को मार्केट-डे था। मार्केट-डे होने की वजह से यहां बुधवार के दिन ऑफ रहता है, यानी मजदूरों से काम नहीं कराया जाता। ऐसे में इस हादसे के साथ ही ये सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर निर्माण एजेंसी मार्केट-डे के दिन मजदूरों से काम क्यों करवा रही थी। हादसे में मरने वाले लाल सिंह (26) पुत्र रायसिंह गौंड, अनूपपुर जिले के खरौध, पुष्पराजगढ़ कोडार के वार्ड-2 का रहने वाला है। बुधवार सुबह करीब साढ़े 8 बजे वह लिफ्ट से कोई सामान ऊपर पहुंचाया जा रहा था, नीचे लाल सिंह खड़ा था। लिफ्ट ऊपरी मंजिल पर पहुंचने ही वाली थी कि करीब 50 फीट से अधिक ऊंचाई से मंकी क्रेन टूट कर जमीन पर आ गिरी। हादसे के दौरान नीचे काम कर रहे मजदूर लाल सिंह क्रेन के नीचे दब गया, उसके सिर में सरिया घुसा और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हादसे के वक्त लाल सिंह के पास सुरक्षा के उपकरण भी नहीं थे। अब जिम्मेदार इस पूरे मामले में अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं। निर्माण एजेंसी ने इस लापरवाही को एक्सीडेंट बताया है। पोस्टमार्टम करवा निजी एंबुलेंस से शव को अनूपपुर भेजारू निर्माण एजेंसी के एचआर डिपार्टमेंट के अभिषेक ने जिला अस्पताल में भास्कर को बताया- बुधवार सुबह मिनी मंकी क्रेन गिरने से मजदूर लाल सिंह की मौत हुई। सूचना मिलते ही तत्काल उसे अस्पताल लाए हैं। उधर पीआईयू के कार्यपालन यंत्री धर्मेंद्र जायसवाल ने कहा-मैं जरूरी काम से ही भोपाल आया हूं। मुझे इस हादसे की जानकारी नहीं है।
डेढ़ माह पहले राजगढ़ आया था मजदूर लाल सिंह
मजदूर लाल सिंह की मौत के बाद कई मजदूर और निर्माण एजेंसी के कर्मचारी मौके से जिला अस्पताल पहुंच गए। इन मजदूरों में शामिल डिंडोरी के रहने वाले राजकुमार ब बताते हैं कि परिवार की आर्थिक परिस्थितियां ठीक नहीं होने की वजह से लाल सिंह और वे दोनों करीब डेढ़-दो माह पहले काम करने राजगढ़ आए थे। इस हादसे के बाद निर्माण एजेंसी की सुरक्षा संबंधी चूक उजागर हो गई है, मजदूरों में भय व्याप्त है। राजकुमार ने बताया कि सुबह से ही उन्हें काम पर लगा दिया गया था। क्रेन से कुछ सामान छत के ऊपर ले जाया जा रहा था। इसी दौरान ये दर्दनाक हादसा हो गया।
होनी को कौन रोक सकता
मैं छुट्टी पर गया था, आज सुबह ही लौटा हूं। लौटा ही था कि पता चला कि हादसा हो गया। ये दुर्घटना है, होनी को कौन रोक सकता है। कर्मचारी-मजदूरों का समूह बीमा कराया गया है। अभी जो लाभ दिया जाना था, वह दे ही दिया होगा, बीमा राशि भी मिलेगी। शव को फ्रीजर में रखकर निजी एंबुलेंस से उनके गांव अनूपपुर जिले में भेज दिया गया है। -अजयराज सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, श्रीजी इंफ्रा (निर्माण एजेंसी)
ये जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी की
साइट पर मेडिकल कॉलेज के डीन वैश्य सर आए थे, उसी समय हमने निर्माण एजेंसी से सभी दस्तावेज लेकर रखे हैं, उनसे शपथ-पत्र भी बनवाया है कि किसी तरह की कैजुअल्टी और नुकसान के लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे, और ये जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी की रहती है। हादसा कैसे हुआ, पता करता हूं। – डीके जायसवाल, कार्यपालन यंत्री, पीआईयू
मौत की वजह लापरवाही
मंकी क्रेन गिरने से मजदूर की मौत हुई है, उसके सिर में सरिया घुस गया था। प्रथम दृष्टया लापरवाही की वजह से मौत हुई है। मर्ग कायम कर जांच कर रहे हैं जो भी दोषी होगा उसे पर मुकदमा दर्ज करेंगे। -वीर सिंह ठाकुर, कोतवाली थाना प्रभारी।