आष्टा / ग्रेड का दर्जा प्राप्त आष्टा कृषि उपज मंडी के इस समय हाल बेहाल हैं। यहां ठीक से सफाई के अभाव में कई जगह गंदगी देखी जा सकती है तो कुछ एक स्थानों पर निकासी नहीं होने से पानी भरा होने के साथ कीचड़ फैल गया है। इससे उपज लेकर आए किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। किसानों ने ध्यान नहीं दिया तो उनका पैर पानी, कीचड़ में जाने में देर नहीं लगती है।
वर्तमान में ही करीब 10 हजार क्विंटल के आसपास आष्टा मंडी में आवक हो रही है। मंडी में क्या हाल है उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुछ स्थान पर निकासी नहीं होने से टीनशेड के पास ही पानी भरा होने के साथ कीचड़ के हालात बन गए हैं। यह पानी सड़कर बदबू तक मारने लगा है और मच्छरों का प्रकोप अलग बढ़ गया है। किसानों ने बताया कि ऐसी स्थिति होने पर दिक्कत आती है पर क्या कर सकते हैं प्रबंधन जो अनदेखी करने में जुटा हुआ है। नहीं दिया जा रहा है ध्यान
खरीफ और रबी सीजन में मंडी की आवक 30 हजार क्विंटल पार कर जाती है। सीहोर जिला ही नहीं बल्कि देवास, शाजापुर जिले तक के किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली सहित अन्य वाहन से उपज लेकर आते हैं। इससे मंडी प्रबंधन को लाखों रुपए का टैक्स मिलता है। बावजूद इसके समस्या दूर करने की दिशा में कोई गंभीर कदम नहीं उठाया जा रहा है। इसका खामियाजा किसानों के साथ खरीदी करने वाले व्यापारियों को भुगतना पड़ता है।
पुराना दशहरा मैदान के समीप फल सब्जी मंडी में भी लंबे समय से नीलामी कार्य सड़क पर होने से आवाजाही करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सुबह 7 से 10 बजे तक स्थिति इतनी बेकार रहती है कि लोगों को वाहन से दूर पैदल निकलना एक चुनौती रहता है।