अशोकनगर / बारिश के पहले ही दिन जिले के मुंगावली क्षेत्र में आसमानी बिजली गिरी, इससे खेत में ट्रैक्टर चला रहे किसान की मौत हो गई। वहीं चंदेरी में लंबी बीमारी के बाद शांत हुए एक सफाईकर्मी के अंतिम संस्कार में भी बारिश ने अड़ंगा डाल दिया। कुकू तलैया स्थिति मुक्तिधाम का टीन शेड टूट जाने के कारण अर्थी जमाने के लिए यहां बरसाती ओढ़ाना पड़ी। काफी मशक्कत के बाद अंतिम संस्कार हुआ।
ज्ञात रहे सीजन की शुरुआत में रविवार रात से बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। रात करीब 9 बजे से हल्की बारिश का दौर शुरू हो गया।
बारिश का कहर टूटाः पठारी में गिरी बिजली, खेत में ट्रैक्टर चला रहे किसान की मौत, चंदेरी में अंतिम संस्कार करने के लिए बरसाती ओढ़कर बनानी पड़ी चिता
बारिश के बहाने कटौती कर रहे बिजली कंपनी कर्मचारी, रातभर परेशान होते रहे शहरवासी
आसमानी बिजली की चपेट में आया किसान
देर रात करीब 12 बजे से अचानक आसमानी बिजली की गड़गड़ाहट के साथ तेज बारिश का दौर शुरू हो गया। सोमवार सुबह 8 बजे तक कुल 13 एमएम यानी आधी इंच बारिश दर्ज हुई। सोमवार दोपहर को फिर आधे घंटे शहर में अच्छी बारिश हो गई, इससे पूरे माहौल में ठंडक घुल गई। इधर, बारिश का दौर शुरू होते ही बिजली कंपनी कर्मचारियों ने नई परेशानी खड़ी करना शुरू कर दी, इसके चलते शहरवासी रविवार की की पूरी रात शहरवासी परेशान होते रहे। रह-रहकर 3-4 घंटे तक शहर की बिजली गुल रही। ज्ञात रहे पिछले दो-तीन दिनों में जिले में अब तक कुल 21.5 एमएम बारिश दर्ज हो चुकी है।
मृतक मलखान सिंह अहिरवार
मुंगावली सोमवार दोपहर को बारिश के दौरान ग्राम पठारी में अचानक आसमानी बिजली गिरी, इससे ट्रैक्टर से खेत की हकाई कर रहे एक किसान की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक मृतक मलखान सिंह पुत्र रमेश अहिरवार उम्र 42 साल निवासी ग्राम डबरी चक है। जो अपनी ससुराल पास्कना पठारी में अपने ससुराल पक्ष के खेतों की हंकाई करने आए थे। सोमवार दोपहर को खेत की हंकाई करते हुए दोपहर करीब 1 बजे वह खाना खाने घर की तरफ आने की तैयारी में था। तभी अचानक आसमानी बिजली गिरी और बिजली की चपेट में आने से मलखान की मौके पर मौत हो गई। सिविल अस्पताल मुंगावली में पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
इथर… अंतिम संस्कार के लिए करनी पड़ी मशक्कत
चंदेरी नपा के सफाईकर्मी 55 वर्षीय विनोद धावरी की सोमवार को भोपाल में उपचार के दौरान मौत हो गई। चंदेरी के कुकू तलैया मुक्तिधाम पर उन्हें अंतिम संस्कार के लिए लाया गया, लेकिन यहां श्मशान घाट के टीन शेड क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। चिता के लिए रखी लकड़ियों पर टीन शेड नहीं होने से बारिश होने लगी। जिसे बचाने के लिए लोगों को बरसाती ढकनी पड़ी। बरसाती ढककर ही अर्थी बनाई। बारिश में बारिश के थमने के बाद अंतिम संस्कार हो सका।