विदिशा / नए शिक्षा सत्र में 30 अप्रैल के बाद बंद हुए सरकारी स्कूल करीब 46 दिन के ग्रीष्म अक्काश के बाद 16 जून को फिर से चालू हुए। पहले दिन स्कूलों में कई अव्यवस्थाएं नजर आई। पहले दिन जिले भर के 2052 स्कूलों में से ज्यादातर स्कूलों में सत्राटा पसरा रहा। कई स्कूलों के क्लास रूम में ताला लगा रहा। कई स्कूलों में एक-दो छात्र पढ़ने पहुंचे तो शिक्षकों ने समय से पहले ही उनकी छुट्टी कर दी। भारकर की टीम ने कुछ स्कूलों में नाकर मौके पर देखा तो वहां शिक्षकों के अलावा छात्र-छात्राएं नजर नहीं आए। रामलीला रोड पर स्थित शासकीय प्राइमरी गर्ल्स स्कूल रायपुरा में क्लास में दोपहर 12.28 बजे ताला लगा हुआ था। यहां हाईस्कूल की पूरी क्लास में सिर्फ एक छात्रा बैठी हुई थी। शहर के डीईओ और डाइट कार्यालय के ठीक पीछे स्थित पीतल मिल प्राइमरी स्कूल में 12.45 बजे एक भी छात्र नहीं मिला। यहां सिर्फ 2 शिक्षिकाएं मौजूद थीं।
बच्चों को फोन लगाया था, लेकिन वे नहीं आए, प्रशासन ने सभी स्कूलों का टाइम सुबह 7 से दोपहर 1 बजे कर दिया है। दोपहर 12.28 बजे परिवहन कार्यालय के सामने स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल जतयपुरा पहुंची। यहां क्लास रूम में ताला लगा हुआ था। क्लास रूम की फोटो खींचते ही शिक्षिका उर्मिला शर्मा ने सामने आकर बताया कि यहां वैसे तो 63 बच्चे दर्ज हैं, लेकिन कुछ बच्चे ही आए थे। बाकी बच्चों के परिजनों को फोन लगाकर स्कूल भेजने का आग्रह भी किया था।
पीतल मिल स्कूल के गेट पर ताला लगाते शिक्षिका।
सरकारी पीतल मिल प्राइमरी स्कूल भवन के हालात और खराब हैं। यहां पूरा स्कूल भवन ही जर्जर हो चुका है। क्लास रूम के खिड़की, दरवाजे और छत टूटे टूटे हुए हुए हैं हैं। बारिश का पानी सीधे नीचे आता है। दोपहर 12.45 बजे वहां सिर्फ 2 शिक्षिकाएं ही मौजूद थीं। इनमें एक तो प्रभारी प्राचार्य अनुराधा सक्सेना और दूसरी स्मिता जैन आदि शामिल हैं। क्लास रूम में कोई बच्चे नहीं थे।
हाईस्कूल में 35 बच्चे दर्ज थे, मौजूद थी सिर्फ एक छात्रा
जतरापुरा मिडिल स्कूल की क्लास रूप्म में भी ताला डला हुआ था। उसके सामने बने हाईस्कूल में वैसे तो 35 बच्चे रजिस्टर में दर्ज हैं, लेकिन दोपहर 12.30 बजे पूरे क्लास रूम में सिर्फ साधना नामक एक ही छात्रा मौजूद थी। यहां 4 से 5 शिक्षिकाएं स्टाफ रूम में बैठकर जरूरी चर्चा में मशगूल थीं। भास्कर की टीम को देखकर शिक्षिका अनीता पुलकर ने बताया कि 8 से 10 बच्चे आए थे लेकिन रजिस्टर में उनकी एंट्री नहीं दिखा सकीं।
कक्षा में बैठी एकमात्र छात्रा।
प्राइवेट स्कूलों से बराबरी करने के लिए शासन ने कुछ चुनिंदा सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से करवाने की बात कही थी, लेकिन वर्तमान में पूरे जिले में एक भी सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित नहीं है। विदिशा में बर्खपुर सीएम राइज स्कूल के
मरम्मत में 26 लाख खर्च, फिर भी हालत खराब जिले में वैसे तो कुल 2052 स्कूल हैं,
लेकिन इनमें 122 स्कूलों की हालत जर्जर है। इनमें से विभाग ने 22 स्कूलों की मरम्मत बारिश से पहले करवाने का दावा किया है। इसमें 26 लाख का बजट खर्च हो चुका है। इसके बाद भी 98 स्कूलों की हालत अभी भी खराब है। इसके लिए 1 करोड़ का बजट रखा गया है। जर्जर स्कूलों में बारिश के दौरान पानी टपकता है। स्कूल परिसर में पानी भरने से बच्चे वहां नहीं पहुंच पाते हैं।
प्रभारी प्राचार्य बलराम चैधरी बताते हैं कि यहां पर सिर्फ प्रवीं से 11वीं के छात्रों की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से भी करवाई जाती है। प्राइमरी में अंग्रेजी माध्यम लागू नहीं है। सोमवार को यहां करीब 300 छात्र आने की बात कही, जबकि यहां पर 900 छात्र दर्ज हैं।सभी स्कूल खुले थे, हाजिरी की जानकारी नहीं है
पूरे जिले में पहले दिन कितने बच्चे स्कूल पहुंचे, इसकी जानकारी नहीं मिली है। जर्जर स्कूलों की मरम्मत कराई जा रही है। ज्यादातर स्कूलों में किताबें पहले ही बांटी जा चुकी हैं। आरपी लखेर, जिला परियोजना
समन्वयक स्कूल रिक्षा विभाग