फर्जी साइन से 25 आवास आवंटित किए, 3 साल जेल

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राजधानी की कोर्ट ने फर्जी साइन से आवास आवंटन करने के आरोपी को 3 साल की सजा सुनाई है।

भोपाल / राजधानी की कोर्ट ने फर्जी साइन से आवास आवंटन करने के आरोपी को 3 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। आरोपी राहुल खरते संपदा संचालनालय में ग्रेड-2 क्लर्क था। राहुल ने हर आवंटन पर 30 से 80 हजार रुपए लिए थे। राहुल ने अपने प्रिंटर की मदद से फर्जी आवास आवंटन आदेश निकाले थे और अफसरों के साइन भी किए थे। आरोपी राहुल को उसकी माता की मृत्यु होने के बाद उनकी जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी।
शासन की ओर से इस मामले में अपर लोक अभियोजक नूतन नागर ने पैरवी की है। घटना 17 दिसंबर 2018 से 30 जुलाई 2019 के बीच की है। इस दौरान आरोपी राहुल ने कुल 25 लोगों को फर्जी तरीके से आवास आवंटित किए थे। मामले में जहांगीराबाद थाने में एफआईआर 31 जुलाई 2019 को दर्ज कराई गई। यह मामला उस वक्त उजागर हुआ था जब जून में आवास आवंटन की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ने लगी थी। इस पर संपदा संचालनालय के तत्कालीन आवंटन अधिकारी मुकुल
लिया था राहुल का नाम
जिन लोगों को आवास का आवंटन किया गया था, उनकी सूची निकलवाई गई। सूची के हिसाब से 3 लोग को आवास आवंटित होना पाया गया। इनमें अवधेश दोहरे, राखी धाकड़ और अरविंद जादौन का नाम था। उन्होंने बताया की गृह विभाग, मंत्रालय की आवास आवंटन शाखा में पदस्थ राहुल खरते सहायक वर्ग-2 द्वारा 30 हजार से 80 हजार रुपए लेकर शासकीय आवास आवंटन के आदेश प्रदान किए गए थे।
गुप्ता ने संपदा संचालक को इस बात से अवगत कराया था।
आवास आवंटन पर गृह विभाग मंत्रालय के अपर सचिव श्रीदास के हस्ताक्षर थे, जिससे शक पैदा हुआ। पुष्टि के लिए मंत्रालय मे संबंधित लिपिक बजाज से जानकारी मांगी गई। इसमें पाया गया कि आदेश फर्जी हैं और जो नंबर पड़े हैं, वो उनकी शाखा के नहीं हैं। क्योंकि शाखा मे जावक नंबर 1100 से ऊपर के चल रहे हैं,

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