मानोरा में श्री जगन्नाथ रथ यात्रा: 26 से शुरू हो जाएगा तीन दिवसीय मेला, मंदिर समिति की ओर से शुरू कर दी गई तैयारी

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मानोरा में श्री जगन्नाथ रथ यात्रा: 26 से शुरू हो जाएगा तीन दिवसीय मेला, मंदिर समिति की ओर से शुरू कर दी गई तैयारीस्वस्थ होने के बाद भगवान जगन्नाथ की होगी पूजा, शाम को जल्द बंद होंगे कपाट

मानोरा. भगवान जगन्नाथ अमावस्या को यानी 25 जून को पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएंगे। पूर्णिमा स्नान के बाद बीमार हुए भगवान के स्वस्थ होने पर विशेष पूजा की जाएगी, लेकिन भगवान को आराम देने की मंशा से उस दिन शाम को जल्द ही आठ बजे तक कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इसके अगले दिन 26 जून प्रतिपदा से तीन दिवसीय मेले के साथ भगवान के विशेष आयोजन की शुरुआत कर दी जाएगी। इस दिन से अगले तीन दिनों तक भगवान के देर शाम तक दर्शन किए जा सकेंगे। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को लेकर तैयारी में जुटे मंदिर के मुख्य पुजारी भगवती प्रसाद ने बताया कि 25 जून को सुबह पांच बजे जगन्नाथ जी का श्रृंगार किया जाएगा। मंगला आरती व बाल भोग सुबह के वक्त लगेगा। दोपहर में राजसी भोग लगाया जाएगा। भगवान लंबी बीमारी से उठेंगे। इसलिए शाम के वक्त आठ बजे तक ही श्रद्धालुओं को दर्शन मिल सकेगा। इसके अलावा अगले दिन से तीन दिनों तक के लिए विशेष आयोजन का दौर शुरू होगा। इसलिए भी भगवान को आराम देने की मंशा से पहले ही कपाट बंद किए जाने की परंपरा है।

शाम 7 बजे जानकी मंदिर में प्रवेश

भगवान जगन्नाथ का रथ विभिन्न स्थानों से होते हुए शाम सात बजे करीब 600 मीटर दूर स्थित जानकी मंदिर में पहुंचेगा। इससे पहले पुलिया चौक, होली चौक, पीपल चौराहा पर श्रद्धालुओं को दर्शन देने के लिए भगवान का रथ रूकेगा। जानकी मंदिर में पहुंचने के बाद भगवान जगन्नाथ वहां गर्भगृह में विराजमान होंगे और अगले दिन यानी 28 जून को उनकी वापसी होगी। जानकी मंदिर में भी भगवान जगन्नाथ का श्रृंगार, सेवाभाव के साथ भोग लगाया जाएगा। मुख्य पुजारी के अनुसार 26 जून से 28 जून तक तीनों दिनों में जगन्नाथ जी के व जानकी जी के मंदिर परिसर में मेला लगा रहेगा।

गर्भगृह से बाहर होगा अभिषेक: पूरे एक वर्ष बाद 26 जून प्रतिपदा को भगवान जगन्नाथ गर्भगृह से बाहर निकलेंगे। सुबह गर्भगृह में ही श्रृंगार, आरती व भोग लगाया जाएगा। इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे भगवान जगन्नाथ के प्रतिमूर्ति के रूप में लड्डू गोपाल को गर्भगृह से बाहर निकालकर उनका अभिषेक किया जाएगा। करीब तीन घंटे तक अभिषेक के बाद उन्हें दोबारा गर्भगृह में भेज दिया जाएगा। इस दिन रात 11 बजे तक भगवान के दर्शन होंगे। इसके बाद कपाट बंद कर दिए जाएंगे।

मंदिर का खुला मिलता है कपाट: पुजारी भगवती प्रसाद के मुताबिक 27 जून को भगवान की रथयात्रा निकलेगी। इस दिन सुबह 4 बजे मंदिर का कपाट खुला मिलता है। इसे भगवान जगन्नाथ का प्रभुत्व माना जाता है। सेवा पूजा के बाद सुबह पांच बजे से भगवान के दर्शन शुरू हो जाएंगे। इस तरह राजभोग में भगवान जगन्नाथ को भात का भोग लगाया जाएगा। इसके बाद सुबह सात बजे के करीब भगवान जगन्नाथ को रथ पर विराजमान किया जाएगा। वहां भी शृंगार और मंगला आरती के बाद भगवान का रथ जानकी देवी मंदिर के लिए निकलेगा।

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