विदिशा. तेज रफ्तार व यातायात नियमों का उल्लंघन लोगों की मौत का कारण बन रहा है। सड़क पर बढ़ती मौतों से चौकन्ना हुई पुलिस ने दुर्घटनाओं में लगाम तो लगाया है, लेकिन सिलसिला अब भी जारी है।शनिवार को देर शाम बागरोद चौराहे के पास हुई सड़क दुर्घटना में बागरोद निवासी अयोध्या प्रसाद गंभीर रूप से घायल हो गए। त्योंदा में उनका इलाज चल रहा है। दो दिन पहले भी सिविल लाइन थाना क्षेत्र में हाईवे बायपास पर रायसेन निवासी 60 वर्षीय बुजुर्ग बलराम भिलाला की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एक जनवरी से लेकर अब तक सड़क दुर्घटनाओं में 73 की मौत हुई है। विगत दो वर्षों की तुलना में सड़क पर हुई मौतों की यह संख्या काफी कम है। लेकिन मंशा अब भी अधूरी है। दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रयास अब भी जारी है।
पुलिस ने सड़क दुर्घटनाओं में लगाम लगाने के लिए एक साथ कई प्रयास शुरू किए हैं, जिनका अब असर भी देखने को मिल रहा है। बता दें कि वर्ष 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष के शुरुआती पांच महीनों में 86 और वर्ष 2024 में 121 मौतों हुईं थी।
शराब का नशा पड़ रहा भारी
सड़का हादसों का सबसे बड़ा कारण शराब पीकर वाहन चलाना सामने आ रहा है। पुलिस कर्मियों के अनुसार युवाओं में शराब पीने का चलन बढ़ता जा रहा है। शराब पीकर गाड़ी चलाने से कई हर साल बेवजह अपनी जान गवां रहे हैं।
ब्लैक स्पॉट में सुधार से बड़ी राहत
सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में आई कमी ब्लैक स्पॉट में सुधार का नतीजा माना जा रहा है। जिले में पांच ब्लैक स्पॉट ऐसे हैं, जहां सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती रही हैं। वर्ष 2024 में हुईं करीब एक तिहाई दुर्घटनाएं ब्लैक स्पॉट पर ही हुई हैं। पुलिस ने चिह्नित स्पॉट पर स्पीड ब्रेकर, साइन बोर्ड लगाने के साथ तीव्र मोड़ को कम कराया है। इस कारण घटनाओं में कमी आई है। बता दें कि जिले में सिविल लाइन थाना क्षेत्र के ग्राम पांझ में सागर सड़क के सामने व ग्राम कुआंखेड़ी में सागर सड़क पर ब्लैक स्पॉट चिह्नित हैं। इसी प्रकार नटेरन में नया गोला पेट्रोल पंप से गुरोद सड़क तक, ग्यारसपुर में मढ़ीपुर में और कुरवाई में मेहलुआ चौराहा ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित हैं।
दुर्घटनाओं पर ऐसे लगाई गई लगाम
रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए स्पीड ब्रेकर बनाए गए।यातायात नियम का उल्लंघन करने वालों पर चालानी कार्रवाई की गई।भारी वाहनों में रेडियम व रिफ्लेक्टर स्टीकर लगाए गए।हाईवे पर वाहनों की रफ्तार नियंत्रित करने के लिए चैकिंग बढ़ाई गई।शहर से लेकर गांव तक लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया।यह बात सही है कि सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला लगातार जारी है। लेकिन गत वर्षों की तुलना में न केवल दुर्घटनाएं कम हुई हैं। बल्कि मौतों में भी कमी आई है। ब्लैक स्पॉट में सुधार व वाहनों की तेज रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए स्पीड ब्रेकर बनाने के साथ चेकिंग भी बढ़ाई गई है। इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है।
रोहित काशवानी, एसपी विदिशा