वीरांगना रानी दुर्गावती की वीरता-शौर्य और पराक्रम भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा , सीएम यादव

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि रानी दुर्गावती अपने नाम के अनुरूप मां दुर्गा के समान वीर और पराक्रम की प्रतिमूर्ति थीं

भोपाल / मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि रानी दुर्गावती अपने नाम के अनुरूप मां दुर्गा के समान वीर और पराक्रम की प्रतिमूर्ति थीं। आज उनका बलिदान दिवस है। रानी दुर्गावती का जन्म लगभग 500 वर्ष पहले हुआ था। अमेरिका सहित पश्चिम के देशों को सामान्य तौर पर संस्कृति में अग्रणी माना जाता है, लेकिन भारत का गौरवशाली अतीत रहा है। आदिवासी अंचल की रानी दुर्गावती और रानी अवंतीबाई नारी सशक्तिकरण की सबसे बड़ी उदाहरण हैं। रानी दुर्गावती के पिता ने 500 साल पूर्व उन्हें घुड़सवारी, तलवारबाजी और युद्ध कौशल में निपुण बनाया था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को जबलपुर के नर्रई नाला स्थित वीरांगना रानी दुर्गावती की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद बारहा ग्राम में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
जबलपुर में बनेगा आधुनिक चिड़ियाघर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जबलपुर का ठाकुरताल पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा। यहां भोपाल के वन विहार की तर्ज पर एक आधुनिक चिड़ियाघर (रेस्क्यू सेंटर एवं जू) बनाया जाएगा, यह सेंटर गौंडवाना साम्राज्य की वीरांगना रानी दुर्गावती को समर्पित होगा। यह वन्यप्राणी
रेस्क्यू सेंटर रानी दुर्गावती के नाम से जाना जाएगा।
राज्य सरकार रानी दुर्गावती सहित सभी महान हस्तियों का सम्मान करते हुए आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मैराथन जैसे आयोजनों के लिए नगर निगम जबलपुर को 5 लाख रुपए और कार्यक्रम में मनमोहक प्रस्तुति देने वाले प्रत्येक लोक कलाकार को 5-5 हजार रुपए देने की घोषणा की।
पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाएंगी दुर्गावती की वीरता की कहानियां
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मोटे अनाज के प्रोत्साहन एवं उपार्जन के लिए रानी दुर्गावती के नाम पर योजना की प्रारंभ की है। रानी दुर्गावती ने अपने जीवनकाल में 52 लड़ाइयां लड़ीं और 51 में विजय श्री प्राप्त की। उनके गौंडवाना साम्राज्य में 23 हजार गांव शामिल थे।

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