पहले आष्टा, अब खातेगांव में ठगे गए किसान, रिपोर्ट आने की कोई तय सीमा नहीं

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जावर / जिले में अमानक और अप्रमाणित बीज खुलेआम बिक रहा है। सीहोर, आष्टा और आसपास के इलाकों में कई किसानों की फसलें खराब हो चुकी हैं। ताजा मामला देवास जिले के खातेगांव का है। यहां कोलारी गांव के आठ किसानों ने सीहोर जिले के लाइकुई की एक दुकान से सोयाबीन का बीज खरीदा था। बोवनी के के बाद भी बीज अंकुरित नहीं हुआ। खेतों में नमी पर्याप्त थी, फिर भी बीज जमीन में ही सड़ गया। खातेगांव के किसानों की शिकायत पर देवास कृषि विभाग की टीम जांच के लिए पहुंची। अधिकारियों ने खेतों में जाकर देखा। जांच में सामने आया कि बीज अमानक था।
किसानों को बिना टैग की बोरियों में कच्ची पर्ची पर बीज बेचा गया था। इसलिए कार्रवाई नहीं हुई। कोलारी के नर्मदाप्रसाद, ईश्वर मीणा, पवन मीणा, गोपाल दुबे, गजराज सिंह, अनुज मीणा सहित अन्य किसानों की फसलें पूरी तरह खराब हो गई। बता दें कि कृषि विभाग सैंपल तो लेता है, लेकिन रिपोर्ट आने में देर होती है। जब तक रिपोर्ट आती है, तब तक किसान ठगा जा चुका होता है। किसान आरोप लगाते हैं कि दुकानदारों की सेटिंग से रिपोर्ट मानक की ही आती है। इससे पहले आष्टा में कृषि उपज मंडी परिसर से खुलेआम अमानक बीज बेचा गया था।
फसल तोउगी, लेकिन 11 दिन के बाद सूखने लगी
किसानों ने बताया कि उन्होंने 17 जून को लाड़कुई की जैन जैन कृषि सेवा केंद्र से सोयाबीन की 217 2172, 2303 और 2218 वैरायटी खरीदी थी। बीज की कीमत 6700 से 6900 रुपए प्रति क्विंटल थी। रबी सीजन में लसूइल्या परिहार गांव में 300 एकड़ गेहूं की फसल नकली खाद से खराब हो गई थी। किसानों ने आईपीएल कंपनी की खाद मिलाकर बोवनी की थी। फसल उगी, लेकिन 11 दिन बाद सूखने लगी। ग्लुकोज का छिड़काव भी किया गया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। दवा विक्रेता ने भी माना कि इस बार पाउडर में कमी थी। फिर भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई।
लगातार सैंपलिंग की जा रही है
जिले में लगातार सैंपलिंग की जा रही है। हालांकि पिछलेर छले साल सोयाबीन की कटाई के दौरान बारिश होने से इस तरह की परेशानी होती है। यानी की जेनरेशन प्रॉब्लम के कारण कई बार दाना अंकुरित नहीं होता है। अभी तक हमारे यहां इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। अशोक उपाध्याय, उपसंचालक कृषि सीहोर / किसानों ने दिखाई बिना टैग की बोरियां, मूल्य 6700 से 6900 रु.ध्क्विंटल
अमानक बीज की बोरियां दिखाते किसान।
सैपल लेने में फिसड्डी विभागरू कई जगह कीटनाशक और खाद के सैंपल ही नहीं लिए, जहां लिए वहां रिपोर्ट नहीं आई
इछावर ब्लॉक में पिछले साल खाद के 55, बीज के 15 और कीटनाशक के 6 सैंपल लिए गए थे। इनमें से कीटनाशक के 2 सैंपल फेल हुए। इस साल अब तक खाद के 24 और बीज के 16 सैंपल लिए गए हैं। कीटनाशक का एक भी सैंपल नहीं लिया गया। आष्टा ब्लॉक में पिछले साल खाद के 80, बीज के 80 और कीटनाशक के 15 सैंपल लिए गए थे। इनमें से खाद के 6, बीज के 2 और कीटनाशक के 6 सैंपल फेल हुए।
इस साल अब तक खाद के 29 और बीज के 53 सैंपल लिए गए हैं। कीटनाशक का सैंपल नहीं लिया गया। भैरूंदा ब्लॉक की बात करें तो पिछले साल बीज के 177, खाद के 49 और कीटनाशक के 7 सैंपल लिए गए थे। इनमें से बीज के 9, खाद के 7 और कीटनाशक के 2 सैंपल फेल हुए। इस साल अब तक बीज के 80 सैंपल लिए गए हैं। खाद और कीटनाशक के सैंपल

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