महीने बिल 69 लाख का, शिकायत करने पर 1 लाख का जुर्माना लगाया

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स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली कंपनी ने शहर के लोगों की जिंदगी में हलचल मचा दी है। बिजली कंपनी ने दावा किया था कि स्मार्ट मीटर से बिलिंग पारदर्शी होगी, लेकिन हकीकत में ये मीटर उपभोक्ताओं के लिए श्स्टूपिड मीटरश् साबित हो रहे हैं। गुजरात की अप्रवा एनर्जी कंपनी द्वारा लगाए गए इन मीटरों की गलत रीडिंग ने लोगों को लाखों के बिल थमा दिए। बुजुर्गों की तबीयत बिगड़ रही है, मजदूर परिवार कंगाल होने की कगार पर हैं, और बिजली कंपनी ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह लूट मचाए हुए है।
विदिशा जोन-2 में बने 107 बिलों में गंभीर गड़बड़ी सामने आई है। कर्मचारियों ने दशमलव को समझने में चूक की। जैसे 100.253 यूनिट की रीडिंग को 100253 यूनिट मान लिया गया। नतीजा ? बिल हजार गुना बढ़ गए। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि 28 मई को बिल बनाने का काम किया था, उनमें दिक्कत आई है। ये बिल दो दिन पहले शहर में जोन-2 में बांटे गए थे। रोशनी सैनी, नत्थू सिंह यादव, महेंद्र सिंह रघुवंशी और योगेश अहिरवार जैसे उपभोक्ता भी इस लूट के शिकार हुए। आनन-फानन में लगाए गए बिल सुधार कैंप भी नाकाफी साबित हुए, क्योंकि उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई।
25 हजार का बिल, कनेक्शन काटा
किले अंदर गुप्तेश्वर मंदिर के पास रहने वाले नत्थू सिंह यादव के 126 यूनिट के बिल पर 25 हजार रुपए की राशि जोड़ दी गई। शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। 30 जून नको को उनका कनेक्शन काट दिया गया। अब नत्थू सिंह अपने घर को अंधेरे में देखकर बार-बार बिजली दफ्तर के चक्कर लगा रहे है
दशमलव को ही समझ बैठे यूनिट
28 मई को गुजरात की श्अप्रवा एनजीश् कंपनी के कर्मचारियों ने 107 बिल जनरेट किए। इनमें भारी गड़बड़ी हुई। जैसे पुरानी रीडिंग अगर 100.253 यूनिट थी, तो इसे 100253 यूनिट मान लिया गया।
मतलब एक यूनिट की जगह हजार गुना ज्यादा यूनिट। इस वजह से लोगों के बिल कई गुना बढ़कर आए।
हिमने सभी 107 बिल सुधार दिए हैं।

बुजुर्ग मुरारीलाल बोले- स्मार्ट मीटर नहीं, श्हृदयाघात मीटर
होमगार्ड रोड निवासी मुरारीलाल तिवारी, उम्र 70 वर्ष, अपनी पत्नी के साथ अकेले रहते हैं। महीने भर में बमुश्किल 219 यूनिट खपत होती है, लेकिन अचानक 69 लाख 75 हजार 854 रुपए का बिल थमा दिया गया। उन्होंने बताया कि मैं पत्नी के साथ बेंगलुरु बेटे के पास गया था। लौटकर देखा तो बिल देखकर आंखों के सामने अंधेरा छा गया। चक्कर आया और अस्पताल पहुंचा। शिकायत की तो कोई सुनवाई नहीं हुई। उल्टा अगले बिल में एक लाख रुपए पेनाल्टी और जोड़ दी गई। मुरारीलाल तिवारी के पड़ोसी महेंद्र सिंह रघुवंशी को भी 68 लाख रुपए का बिल मिला, वे जिला पंचायत में कार्यरत है

28 मई को 107 बिल सुधारे
जोन-2 में बनाए गए थे, जिनमें रीडिंग की गड़बड़ी पाई गई। हमने सभी बिल सुधार दिए हैं, आगे से यह गलती न हो, इसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। –
अरविंद वर्मा, डीजीएम विदिशा।

बिल सुधार कैंप की जानकारी नही दी
मंगलवार को इंद्रप्रस्थ जोन-2, अहमदपुर रोड पर बिल सुधार के लिए कैंप लगाया गया, लेकिन इसे आनन-फानन में आयोजित किया गया। उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। नतीजतन, बमुश्किल 20 लोगों की समस्याओं का समाधान हो पाया। उपभोक्ताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर पर है।

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