डीआर न्यूज इंडिया डाॅट काॅम/ शिव जी का प्रिय सावन महीना आज (11 जुलाई) से शुरू हो गया है, जो कि 9 अगस्त (रक्षा बंधन) तक चलेगा। इस महीने में रोज शिव पूजा करने की परंपरा है। अगर शिव मंदिर में दर्शन-पूजन नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर ही सरल स्टेप्स में शिव पूजा कर सकते हैं। इस बार सावन में चार सोमवार (14, 21, 28 जुलाई और 4 अगस्त) रहेंगे।
इस खबर में जानिए शिव पूजन के लिए जरूरी चीजें, पूजा की सरल विधि, शिव मंत्र, सावन में कावड़ यात्रा से जुड़ी मान्यताएं, इस फेस्टिवल सीजन में सावन से देवउठनी एकादशी (1 नवंबर) तक कौन-कौन से व्रत-उत्सव कब मनाए जाएंगे…
सावन में कांवड़ यात्रा करने की परंपरा
सावन में कांवड़ यात्रा करने की परंपरा है। शिवभक्त यानी कांवड़िए गंगा जैसे पवित्र नदियों से जल भरकर पैदल चलकर अपने क्षेत्र के शिवलिंगों पर जलाभिषेक करते हैं। ये यात्रा उत्तर भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में बड़े धूमधाम से होती है।
शिवलिंग पर चढ़ाएं बिल्व पत्र
सावन में शिव पूजा में बिल्वपत्र, भांग, धतूरा, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल चढ़ाना चाहिए। शिवलिंग पर जलधारा चढ़ाने के साथ ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करना चाहिए। शिवलिंग पर चंदन का लेप भी करना चाहिए।
ऐसे कर सकते हैं सावन सोमवार का व्रत

- सोमवार की सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शिवलिंग का गंगाजल व पंचामृत से अभिषेक करें।
- बिल्वपत्र, धतूरा, चावल, फल-फूल चढ़ाएं।
- शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें।
- दिन भर फलाहार करें और शाम को कथा व आरती करें।
- व्रत का पारण अगले दिन करें।
मनचाहा जीवन साथी पाने की कामना से करते हैं सावन में व्रत
सावन का महीना महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर की प्राप्ति हेतु शिव की पूजा करती हैं। इस माह में हरियाली तीज, नाग पंचमी, रक्षा बंधन जैसे त्योहार भी आते हैं। महिलाएं इस समय हरी चूड़ियां, हरी साड़ी और मेहंदी लगाकर उत्सव मनाती हैं, जो सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।