60 से अधिक आभा आईडी बनी, सिकल सेल स्क्रीनिंग के साथ सभी पैथोलॉजी जांचें भी हुई
भोपाल
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय, भोपाल द्वारा राष्ट्रीय कैडेट कोर मुख्यालय में एनसीसी कैडेट्स के लिए विशेष स्क्रीनिंग एवं जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर में सिकल सेल एवं हीमोफिलिया रोग की जांच की गई, साथ ही कैडेट्स का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया।
शिविर में आर्मी, नेवल एवं एयरफोर्स के 81 कैडेट्स ने स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लिया। 61 कैडेट्स की आभा आईडी बनाई गई। शिविर में राष्ट्रीय कैडेट कोर भोपाल के कमांडर ब्रिगेडियर अजीत सिंह, कर्नल दुष्यंत, कैप्टन राहुल गुप्ता सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हुए।
इस अवसर पर एनसीसी निदेशालय मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी कैप्टन डॉ. चंद्र बहादुर सिंह दांगी ने सिकल सेल के लक्षणों,जांच एवं बचाव के बारे में जानकारी दी। सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक बीमारी है जो कि माता-पिता से बच्चों में पहुंचती है। यह भारत की जनजातीय आबादी में अधिक पाया जाता है, लेकिन अन्य समुदायों में भी यह बीमारी देखने को मिलती है। इस बीमारी में शरीर के अंगों में दर्द, शारीरिक विकास में कमी एवं खून की कमी मुख्य लक्षण है। यह बीमारी फेफड़े, हृदय, गुर्दे, आंखों, हड्डियों और मस्तिष्क जैसे कई अंगों को भी प्रभावित करती है। यह जनजातीय समूहों, विशेष रूप से मलेरिया बहुल क्षेत्र में रहने वाले लोगों में व्यापक रूप से पाया जाता है। आजादी के शताब्दी वर्ष के तहत देश को 2047 तक सिकल सेल रोग मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश में सिकल सेल ऑपरेशन गाइडलाइन के तहत कार्य किया जा रहा है। नेशनल सिकल सेल पोर्टल एवं डैशबोर्ड के माध्यम से कार्यक्रम की मॉनीटरिंग भी की जा रही है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.प्रभाकर तिवारी ने बताया कि सिकल सेल के प्रसार को रोकने के लिए वैवाहिक संबंध, जेनेटिक कार्ड के मिलान के बाद किया जाना बेहद जरूरी है। समय पर चिन्हांकन, जेनेटिक कॉउंसलिंग, वाहक और पीड़ित की ट्रेकिंग कर बीमारी के प्रसार को कम किया जा सकता है। भोपाल में आँगनवाड़ी केंद्रों , स्कूल, कॉलेज में सिकल सेल रोग का चिन्हांकन किया जा रहा है। विशेष रूप से आदिवासी हॉस्टल्स और स्कूल्स में स्क्रीनिंग का कार्य किया जा रहा है। रोग की स्क्रीनिंग, प्रबंधन, उपचार कॉउंसलिंग एवं प्रशिक्षण के सभी आयामों पर समन्वित रूप से कार्य किया जा रहा है।