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फोरम के अध्यक्ष वीकेएस परिहार ने प्रदर्शन स्थल पर कहा कि, हम शासन से लगातार मांग कर रहे हैं कि संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए। हाल ही में सरकार ने जो नया ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर पास किया है, उसमें 50 हजार नई पोस्ट शामिल हैं। हमारी मांग है कि पहले से विभाग में काम कर रहे 5 हजार संविदा कर्मचारियों को ही इनमें समायोजित किया जाए, उसके बाद नई भर्ती की जाए। ये कर्मचारी अनुभवी हैं और सालों से सेवाएं दे रहे हैं।
आउटसोर्स कर्मचारियों को 50ः आरक्षण देने की मांग
परिहार ने आगे कहा कि बिजली विभाग में पहले से काम कर रहे आउटसोर्स कर्मियों को भी 50ः आरक्षण मिलना चाहिए। इसके साथ ही विभाग के लिए स्थानांतरण नीति बनाई जाए, जिससे कर्मचारियों को पारदर्शी व्यवस्था का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा, हम बीते एक साल से बातचीत का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन शासन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं हुई। यह प्रदर्शन शासन का ध्यान आकर्षित करने का एक प्रयास है। यदि अक्टूबर माह तक हमारी मांगों पर निर्णय नहीं लिया गया, तो फोरम बड़ा आंदोलन करेगा।
5 हजार संविदा कर्मचारियों का भविष्य असुरक्षित
बिजली विभाग में करीब 5 हजार संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। ये सभी कर्मचारी लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और मेरिट प्रक्रिया से चयनित हुए हैं, लेकिन नियमितीकरण न होने के चलते वे भविष्य को लेकर चिंतित हैं।प्रवक्ता के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन विभाग के 100 से ज्यादा संविदा कर्मचारी नौकरी छोड़ चुके हैं।
श्रीवास्तव का कहना है कि 10 से 12 वर्षों से सेवाएं दे रहे अनुभवी कर्मचारी बेहतर भविष्य की तलाश में दूसरे विभागों में शिफ्ट हो रहे हैं। यदि जल्द ही सरकार ने सकारात्मक निर्णय नहीं लिया, तो बिजली सप्लाई व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।र