सीहोर में विश्व आदिवासी दिवस पर सांस्कृतिक रौनक, जुलूस और जनसभाएं

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भैरूंदा विश्व आदिवासी दिवस पर तहसील में आयोजन

Drnewsindia.com/सीहोर विश्व आदिवासी दिवस पर शनिवार को सीहोर जिलेभर में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। सीहोर नगर में बाल विहार मैदान में भव्य सभा के बाद जुलूस निकाला गया, वहीं भैरुंदा और आष्टा के सिद्दीकीगंज में भी जनसभा और जुलूस हुए। इस दौरान आदिवासी युवक-युवतियां अपने पारंपरिक वेशभूषा में आकर्षण का केंद्र बने रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर, टंट्या मामा, रानी दुर्गावती और बिरसा मुंडा के चित्रों पर माल्यार्पण कर की गई। बाल विहार मैदान में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। जुलूस शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए कोतवाली चौराहे से भोपाल नाके पहुंचा, जहां इसका समापन किया गया। रैली में युवा पीला झंडा और तिरंगा थामे, पूरे उत्साह के साथ चल रहे थे।

मुख्य अतिथि, कृषि विभाग के उप संचालक प्रहलाद सिंह बारेला ने कहा कि 1994 में संयुक्त राष्ट्र ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया था, जिसका उद्देश्य आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपराओं और अधिकारों का संरक्षण है। मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त विकास निगम की अध्यक्ष निर्मला बारेला ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं और इन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में समान अवसर मिलना चाहिए।

जय आदिवासी युवा शक्ति के जिला अध्यक्ष रवि सोलंकी ने कहा कि आदिकाल से आदिवासी भारत भूमि के प्रथम वारिस रहे हैं, लेकिन अंग्रेजों के वन कानून और भूमि बंदोबस्त ने उनके अधिकार सीमित कर दिए। आजादी के बाद भी कई आदिवासी अपनी ही जमीन से वंचित रह गए और गरीबी-कुपोषण झेल रहे हैं। वक्ताओं ने प्राकृतिक संसाधनों पर पहला हक आदिवासियों का बताते हुए इनके शोषण के खिलाफ एकजुट होने की अपील की

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