Drnews/नई दिल्ली
भारत ने 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए औपचारिक दावेदारी पेश करने की तैयारी शुरू कर दी है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने बिडिंग प्रपोजल को हरी झंडी दे दी। इससे पहले 14 अगस्त को भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने भी इसे मंजूरी दी थी। अब भारत को 31 अगस्त तक फाइनल बिडिंग प्रपोजल कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स को सौंपना होगा। अंतिम फैसला नवंबर के अंत में जनरल असेंबली में लिया जाएगा।

अहमदाबाद तैयारियों का केंद्र
2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए अहमदाबाद को संभावित होस्ट सिटी के तौर पर चुना गया है। यहां अत्याधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। पिछले महीने कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स के डायरेक्टर डैरेन हॉल की टीम ने अहमदाबाद का दौरा किया था और आयोजन स्थलों का निरीक्षण भी किया था।
भारत की संभावनाएं मजबूत
कनाडा के रेस से बाहर होने के बाद भारत की दावेदारी और मजबूत हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार भारत के लिए मेजबानी हासिल करने के अच्छे अवसर हैं। यदि भारत को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी मिलती है, तो यह देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिहाज से ऐतिहासिक मौका होगा।
भारत का मल्टी-स्पोर्ट इवेंट अनुभव
भारत इससे पहले भी बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी कर चुका है—
- 1951 और 1982 में एशियन गेम्स
- 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स
इसके अलावा भारत ने पिछले साल 2036 ओलिंपिक की मेजबानी के लिए भी दावेदारी की थी। 2032 ओलिंपिक की मेजबानी पहले ही ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन को दी जा चुकी है।
बिडिंग प्रोसेस के 5 स्टेप्स
- देश की ओलिंपिक कमेटी आवेदन को मंजूरी देती है।
- सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद फाइनल बिडिंग होती है।
- कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स अधिकारी होस्ट सिटी और वेन्यू का निरीक्षण करते हैं।
- सभी दावेदार शहरों का मूल्यांकन किया जाता है।
- जनरल असेंबली में फाइनल होस्ट की घोषणा की जाती है।
यदि भारत यह दावेदारी जीतता है, तो 2010 के बाद यह दूसरी बार होगा जब देश कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करेगा।