किसानों की चिंता बनी रेलवे ओवरब्रिज की चौड़ाई, बमूलिया में प्रदर्शन से थमा निर्माण कार्य

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बमूलिया में रेलवे ओवरब्रिज निर्माण पर विवाद, किसानों ने किया प्रदर्शन

बोले – चौड़ाई कम होने से होगी बड़ी परेशानी, ट्रैक्टर-ट्रॉली और हार्वेस्टर नहीं निकल पाएंगे

Drnews श्यामपुर (सीहोर)


ग्राम बमूलिया में रेलवे का बड़ा निर्माण कार्य इन दिनों विवादों में घिर गया है। रामगंज मंडी से भोपाल तक बन रही नई रेलवे लाइन पर गांव के पास ओवरब्रिज का काम गुरुवार को उस समय रुक गया जब बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण मौके पर पहुँच गए और विरोध शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि पुल की चौड़ाई और ऊँचाई बहुत कम रखी जा रही है, जिससे आने वाले समय में आवागमन और कृषि कार्यों में गंभीर समस्या खड़ी होगी।

किसानों की चिंता

किसानों और ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया

गुरुवार सुबह ग्रामीणों ने निर्माण स्थल पर पहुँचकर काम रुकवा दिया और नारेबाजी की। ग्राम पंचायत बमूलिया की सरपंच ब्रज मीणा ने कहा—
“यह पुल हमारी ज़रूरतों के हिसाब से छोटा है। बड़े वाहन नहीं निकल पाएंगे। हमारी माँग है कि पुल की चौड़ाई कम से कम 15 मीटर हो। जब तक समाधान नहीं होता, हम काम नहीं होने देंगे।”

विरोध और प्रदर्शन

किसानों ने बताया कि ओवरब्रिज की चौड़ाई सिर्फ 8 मीटर और ऊँचाई करीब 5 मीटर रखी गई है। इतनी संकरी जगह से हार्वेस्टर, ट्रैक्टर-ट्रॉली और बड़े ट्रक आसानी से नहीं निकल पाएंगे। यह मार्ग लगभग 150 गाँवों को मुख्य हाईवे से जोड़ता है, ऐसे में हजारों लोगों की आवाजाही प्रभावित होगी। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र पूरी तरह कृषि प्रधान है और हर सीजन में मंडियों तक फसल ले जाने के लिए भारी वाहनों का आवागमन होता है।

प्रशासन का रुख

विवाद बढ़ता देख रेलवे के साइट इंजीनियर विनोद यादव मौके पर पहुँचे। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएँ सुनीं और आश्वासन दिया कि उनकी माँगें वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुँचाई जाएँगी। हालांकि किसानों ने साफ चेतावनी दी कि बिना ठोस समाधान के वे काम दोबारा शुरू नहीं होने देंगे।

राजनीतिक व सामाजिक समर्थन

इस विरोध में किसानों के साथ कई जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। वरिष्ठ भाजपा नेता राम सिंह, पूर्व मंडल अध्यक्ष राम रतन गौर, अहमदपुर मंडल अध्यक्ष प्रीतम गौर, पड़ियाला सरपंच संगीता रामनारायण गौर, बरेली सरपंच अजय मीणा, बमूलिया दोराहा सरपंच वनदेवी ब्रज मीणा, पूर्व सरपंच सज्जन सिंह और राकेश देवड़ा,धर्मेंद्र,देशराज,राजेश मीणा, हरिप्रसाद, गजराज सिंह राजेंद्र सिंह, दिनेश, जगदीश, राजू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

आगे की राह

ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक पुल की चौड़ाई का मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र की जीवनरेखा से जुड़ा सवाल है। यदि पुल छोटा बना तो आने वाले वर्षों तक हर दिन हजारों लोगों को परेशानी झेलनी पड़ेगी। अब नज़रें इस पर हैं कि रेलवे और प्रशासन किसानों की इस बड़ी चिंता का समाधान कैसे निकालते हैं।


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