Drnewsindia.com भोपाल।
केंद्रीय कृषि मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को भोपाल के रवीन्द्र भवन में विदिशा संसदीय क्षेत्र के नेताओं व कार्यकर्ताओं की बैठक में भावुक अंदाज में कहा कि गरीब और मध्यमवर्गीय मरीजों की मदद करना उनका सबसे बड़ा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते समय उनके पास स्वेच्छानुदान कोष सबसे बड़ा हथियार था, जिससे किसी भी जरूरतमंद की तुरंत सहायता हो जाती थी।
शिवराज ने कहा—
“मैं आज भी जी-जान लगाकर लोगों की मदद करने की कोशिश करता हूं। जब ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ी और मेरे पास साधन नहीं थे, तब मैंने लोगों से मांगकर व्यवस्था कराई। चाहे कुछ भी हो जाए, किसी मरीज को पैसों की कमी से मरने नहीं दूंगा।”
गांव वालों ने बचाई बच्चे की जान
बैठक में शिवराज ने एक घटना का जिक्र किया। विदिशा जिले के सुकरवास गांव में 15 वर्षीय महेन्द्र मेहरा का एक्सीडेंट हुआ। इलाज का खर्च 5 लाख से ज्यादा था। गांव वालों ने चंदा करके 2 लाख रुपए जुटाए। शिवराज ने बताया कि जब उन्होंने अस्पताल से बात की तो पता चला कि आयुष्मान कार्ड मल्टीपल फ्रैक्चर में लागू नहीं हो रहा। उन्होंने तुरंत अधिकारियों से संपर्क किया और कार्ड से 5 लाख तक का इलाज संभव कराया। गांव वालों ने खर्च किए पैसे बच्चे के खाते में जमा कर दिए।
“गरीबों की सेवा ही भगवान की पूजा”
शिवराज ने कहा कि रोज 5-10 लोग ऐसे आते हैं जिन्हें तुरंत मदद की जरूरत होती है। उनके लिए वे हरसंभव कोशिश करते हैं। “गरीब, किसान और मध्यम वर्गीय परिवारों की सेवा करना ही असली धर्म है। यही भगवान की पूजा है,” उन्होंने कहा।
अब आयुष्मान कार्ड पर जोर

शिवराज ने कहा कि बड़ा इलाज कराने में आयुष्मान कार्ड सबसे उपयोगी है। उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही एक प्रेजेंटेशन कराया जाएगा, जिसमें बताया जाएगा कि आयुष्मान कार्ड का उपयोग कैसे किया जाए, कौन-से अस्पताल इसमें शामिल हैं और यदि कोई अस्पताल कार्ड स्वीकार करने से मना करे तो क्या करना है।
उन्होंने कहा—
“अगर किसी के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है तो इसके लिए शिविर लगाए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर स्वेच्छानुदान और जनता से सहयोग भी लिया जाएगा। लेकिन किसी को धन के अभाव में मरने नहीं देंगे। यही हमारा संकल्प है।”