भोपाल। मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अफसरों को इस बार अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण समय पर देना बेहद जरूरी हो गया है। केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने साफ कर दिया है कि जो अफसर 31 जनवरी तक ऑनलाइन संपत्ति का ब्योरा स्पैरो (SPARROW) पोर्टल पर दर्ज नहीं करेंगे, उनका प्रमोशन रोक दिया जाएगा।
निर्देशों के मुताबिक, हर साल 31 दिसम्बर तक की स्थिति में अफसरों को अपनी पैतृक, खरीदी गई और पत्नी या खुद के नाम पर दर्ज अचल संपत्तियों का विवरण देना अनिवार्य है। डीओपीटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि तकनीकी कारणों जैसे- ओटीपी न आना या सर्वर की समस्या को बहाना मान्य नहीं किया जाएगा। पोर्टल 31 जनवरी की आधी रात के बाद अपने आप लॉक हो जाएगा और देर करने वालों को पदोन्नति संबंधी प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा।
एमपी में 459 पद, 377 अफसर कार्यरत

मध्यप्रदेश में कुल 459 आईएएस पद स्वीकृत हैं, जिनमें फिलहाल 377 अधिकारी कार्यरत हैं। जानकारी के अनुसार, हर साल लगभग 12 अफसर पूरी तरह से संपत्ति का विवरण जमा ही नहीं करते, जबकि 20 से ज्यादा अधिकारी निर्धारित तारीख के बाद विवरण अपलोड करते हैं। बीते वर्षों में कई अफसरों को समयसीमा का पालन न करने के कारण प्रमोशन से वंचित भी होना पड़ा था।
राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को पत्र जारी कर चेतावनी दी है कि इस बार किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी।
कापसे बने नए प्रभारी अधिकारी
इधर, ओबीसी को 27% आरक्षण देने से जुड़े मामले में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में प्रभारी अधिकारी बदल दिया है। अब सामान्य प्रशासन विभाग के आरक्षण प्रकोष्ठ के उप सचिव दिलीप कुमार कापसे को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे सभी रिट याचिकाओं के अभिवचनों पर हस्ताक्षर करेंगे और मामले से जुड़े दस्तावेज, अधिसूचनाएं और आदेश कोर्ट में पेश करेंगे।
सरकार ने साफ किया है कि चाहे तकनीकी समस्या हो या लापरवाही, आईएएस अफसरों को समय पर ऑनलाइन संपत्ति विवरण अपलोड करना ही होगा, अन्यथा उनका प्रमोशन अगले साल से अटक सकता है।