Drnewsindia.com/भोपाल। राजधानी भोपाल में ड्रग्स, लव और लैंड जिहाद जैसे गंभीर आरोपों से घिरे ‘मछली परिवार’ पर अब कानून का शिकंजा और कसता जा रहा है। मामला दिल्ली तक पहुंचने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी इसकी पड़ताल शुरू कर दी है। आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि शाहिद मछली को राइफल एसोसिएशन ने “ख्यातिलब्ध शूटर” का दर्जा दिया है, जिसके आधार पर उसे सालाना 30 हजार कारतूस खरीदने और तीन अलग-अलग श्रेणी के हथियार रखने का लाइसेंस मिला है।

प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि शाहिद मछली पर पहले से ही हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर ड्रग्स देने, धर्मांतरण और ब्लैकमेलिंग जैसे संगीन आरोपों की जांच चल रही है। ऐसे में उसे शूटर का दर्जा मिलना गंभीर सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा कि भोपाल की जनता को न तो उसके किसी टूर्नामेंट, पदक या उपलब्धि की जानकारी है और न ही उसके खेल करियर की कोई पारदर्शी झलक सामने आई है।
कानूनगो ने कहा कि विदेश से आयातित और देशी राइफल-पिस्टल समेत कई हथियार शाहिद मछली के पास हैं, जिनमें कुछ का खेल से कोई लेना-देना नहीं। उन्होंने आदेश दिए कि पूरे मामले की गहन जांच हो ताकि अगर शाहिद वास्तव में खिलाड़ी है तो उसे उचित सम्मान मिले, और अगर यह आपराधिक खेल है तो इससे जुड़े सभी “खिलाड़ी” कानून के शिकंजे में आएं।
यह खुलासा भोपाल में पहले से ही चर्चाओं में रहे मछली परिवार पर कानूनी कार्रवाई को और तेज कर सकता है।