1.25 करोड़ श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, टिकट और प्रसाद बिक्री से सबसे ज्यादा आय
Drnewsindia.com/उज्जैन। भगवान महाकाल की नगरी में इस साल सावन-भादौ का पर्व ऐतिहासिक साबित हुआ। सिर्फ 39 दिनों में महाकाल मंदिर को श्रद्धालुओं से 30 करोड़ रुपए से ज्यादा का दान और आय प्राप्त हुई। यह अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।

हर दिन पहुंचे सवा तीन लाख से ज्यादा भक्त
मंदिर समिति के मुताबिक, इस बार सावन-भादौ के दौरान करीब 1.25 करोड़ श्रद्धालु महाकाल के दरबार में पहुंचे। औसतन हर दिन 3.20 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए।
- 2023 में आए थे – 99 लाख श्रद्धालु
- 2024 में आए थे – 90 लाख श्रद्धालु
- 2025 में पहुंचे – 1.25 करोड़ श्रद्धालु
दान में भी बना नया रिकॉर्ड
इस बार मंदिर को कुल 29.61 करोड़ रुपए की आय हुई।
- 2023 में मिला था – 20.26 करोड़ रुपए (औसतन 51 लाख प्रतिदिन)
- 2024 में मिला था – 23.16 करोड़ रुपए (औसतन 59 लाख प्रतिदिन)
- 2025 में मिला – 29.61 करोड़ रुपए (औसतन 75 लाख प्रतिदिन)
यानी दो साल में मंदिर की आय में करीब 10 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
कहां से आई सबसे ज्यादा कमाई?
- शीघ्र दर्शन टिकट (₹250) – ₹10.79 करोड़
- प्रसाद बिक्री – ₹10.13 करोड़
- भेंट पेटियां (दान) – ₹5.23 करोड़
- अन्य स्रोत – ₹3.26 करोड़
कुल आय – ₹29.61 करोड़
महाकाल लोक के बाद तेजी से बढ़ा दान
मंदिर समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक के अनुसार, अक्टूबर 2022 में महाकाल लोक खुलने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। सिर्फ तीन सालों में मंदिर को भेंट पेटियों और दान से ही करीब 60 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं।
7 साल में 1 अरब से ज्यादा का दान
2019 से 2025 के बीच महाकाल मंदिर को दान और भेंट पेटियों से 1 अरब 70 करोड़ रुपए से ज्यादा की आय हुई है। वहीं 2018 से 2021 तक तीन सालों में करीब 40 करोड़ रुपए का दान मिला था।
उज्जैन धार्मिक पर्यटन का बड़ा केंद्र
पिछले दो सालों (2023 और 2024) में ही 12 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। महाकाल लोक और मंदिर विकास कार्यों के बाद शहर तेजी से देश का प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र बन गया है।