Dनई दिल्ली/भोपाल/लखनऊ
देश में मानसून की मार अभी भी जारी है। पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और करीब 2000 गांवों में पानी भरा हुआ है। केंद्र सरकार ने राहत कार्यों के लिए राज्य को ₹1600 करोड़ की मदद देने का ऐलान किया है। कई गांवों में खेती की जमीन डूबी हुई है और ग्रामीणों को सुरक्षित ठिकानों पर भेजा जा रहा है।
इसी बीच, जम्मू-कश्मीर में राहत की खबर आई है। लगातार भूस्खलन और बारिश से बंद पड़ा जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे 16 दिन बाद बुधवार को यातायात के लिए बहाल किया गया। इस हाईवे को घाटी की लाइफलाइन माना जाता है। इसके शुरू होने से कश्मीर में फलों और जरूरी सामानों की आपूर्ति दोबारा से शुरू हो गई है। हालांकि, रामबन और उधमपुर जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान दर्ज किया गया।
हरियाणा और गुजरात में रिकॉर्ड बारिश
हरियाणा में अब तक सामान्य से 46% ज्यादा बारिश हो चुकी है। राज्य में औसतन 385.1 मिमी बारिश होती थी, लेकिन इस सीजन में पहले ही 563.8 मिमी दर्ज हो चुकी है। यमुनानगर जिले में सबसे ज्यादा 1080.8 मिमी बारिश हुई है।
वहीं, गुजरात के बनासकांठा समेत तीन जिलों में पिछले दो दिनों में 16 इंच से ज्यादा बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। वाव, थराद और सुईगाम तालुका में बाढ़ से दर्जनों गांवों में पांच फीट तक पानी भर गया।

हिमाचल और यूपी में तबाही
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के निरमंड में भूस्खलन से एक घर ढह गया, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई। अब तक प्रदेश में बाढ़-बारिश से ₹4156 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान हो चुका है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, कानपुर और आगरा में गंगा-यमुना उफान पर हैं। कई घाट जलमग्न हैं, जबकि आगरा के हाथी घाट और किला घाट पर सड़कों तक पानी पहुंच गया।
राजस्थान में बारिश थमी, पर 100 दिन में 700 मिमी बरसात
राजस्थान जैसे सूखा प्रभावित राज्य में भी इस बार रिकॉर्ड बारिश हुई। 100 दिनों में औसतन 701.6 मिमी बारिश दर्ज हुई, जो पिछले 20 वर्षों के क्लाइमेट चेंज का असर माना जा रहा है। हालांकि, अब मौसम विभाग ने अगले एक सप्ताह तक प्रदेश में बरसात न होने का अलर्ट जारी किया है।
👉 कुल मिलाकर, पंजाब और गुजरात में राहत अभी दूर है, हिमाचल और यूपी में नुकसान जारी है, जबकि उत्तर भारत के कई राज्यों में मानसून अब भी सक्रिय है।