भोपाल / में लगातार हो रही बारिश से जलस्रोत लबालब हो गए हैं। बड़ा तालाब फुल लेवल पर पहुंचने के बाद भदभदा डैम के गेट इस सीजन में दो बार खोले जा चुके हैं। वहीं कलियासोत डैम के गेट भी एक बार खुले और बुधवार सुबह बंद कर दिए गए।
कोलार और केरवा डैम में भी पर्याप्त पानी भर चुका है। यदि तेज बारिश जारी रही तो इनके गेट भी कभी भी खोले जा सकते हैं।

डैम का मौजूदा हाल
- भदभदा डैम : बड़ा तालाब के 1666.80 फीट फुल लेवल पर गेट खुलते हैं। इस बार अब तक 2 बार गेट खोले गए।
- कोलार डैम : 1516.40 फीट क्षमता वाले डैम में फिलहाल 1510 फीट पानी है। यानी अभी 6 फीट खाली है।
- केरवा डैम : कुल क्षमता 1673 फीट, वर्तमान लेवल 1667 फीट। अभी गेट नहीं खोले गए हैं।
- कलियासोत डैम : 1659.02 फीट क्षमता में से 1649.67 फीट तक पानी भर चुका है। मंगलवार रात दो गेट खुले, बुधवार सुबह बंद किए गए।
किन इलाकों में खतरा?
कलियासोत डैम के गेट खुलने पर पानी तेज बहाव से नदी के रास्ते कई इलाकों में पहुंचता है। अमरनाथ कॉलोनी, दामखेड़ा, सलैया, मिसरोद और समरधा जैसे क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन जाती है। पिछले वर्षों में यहां बाढ़ जैसे हालात भी हो चुके हैं।
फायर ब्रिगेड और प्रशासन ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे नदी के किनारों के पास न जाएं। गेट खोलने से पहले टीमें अलर्ट मोड पर रहती हैं और वॉट्सएप ग्रुप के जरिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
भोपाल की पानी सप्लाई व्यवस्था
भोपाल की जनता को पानी चार प्रमुख स्रोतों से मिलता है:
- कोलार डैम – 40% सप्लाई
- बड़ा तालाब – 20% सप्लाई
- नर्मदा लाइन – 30% सप्लाई
- केरवा डैम – 10% सप्लाई
इसके अलावा, केरवा और कलियासोत डैम का पानी सिंचाई में भी उपयोग किया जाता है।
बड़ा तालाब – शहर की लाइफलाइन
बड़ा तालाब हर दिन करीब 25 MGD (मिलियन गैलन) पानी सप्लाई करता है। यह पुराने भोपाल और बैरागढ़ इलाके की 3 लाख से ज्यादा आबादी की प्यास बुझाता है।
आने वाले समय में राहत
सभी प्रमुख जलस्रोतों में अच्छा पानी भर चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि और बारिश हुई तो पानी का लेवल और बेहतर हो जाएगा। ऐसे में अगले डेढ़ से दो साल तक भोपाल में पेयजल संकट की कोई चिंता नहीं होगी।