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नई दिल्ली: अगर आप तनाव या एकाग्रता की कमी से जूझ रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खबर है। एम्स भोपाल के फिजियोलॉजी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. वरुण मलहोत्रा की रिसर्च में यह दावा किया गया है कि रोज सिर्फ 10 मिनट गायत्री मंत्र का धीमे स्वर में उच्चारण करने से मस्तिष्क में बड़ा सुधार आता है।
यह स्टडी बांग्लादेश जर्नल ऑफ मेडिसिन साइंस में प्रकाशित हुई है।
🔬 मंत्र जप का वैज्ञानिक असर (The Scientific Impact)
रिसर्च में पाया गया कि गायत्री मंत्र का जप अनुलोम-विलोम और कपालभाति जैसे अन्य योगाभ्यासों से भी अधिक प्रभावी है।
| सुधार का क्षेत्र | जप से पहले का औसत | जप के बाद का औसत | महत्व |
| रिएक्शन टाइम (एकाग्रता) | 0.5 सेकंड | 0.3 सेकंड | 0.2 सेकंड का बड़ा न्यूरोलॉजिकल सुधार |
| तनाव | कमी आई | ||
| ब्लड प्रेशर (BP) | नियंत्रित हुआ | ||
| दिल की धड़कन | शांत हुई |
🧠 योग टेक्नीक से ज्यादा प्रभावी क्यों?
डॉ. मलहोत्रा के अनुसार, यह सुधार आकस्मिक नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक ठोस वैज्ञानिक कारण है:
“गायत्री मंत्र का वाइब्रेशन दिमाग के उस हिस्से को एक्टिवेट करता है जो एकाग्रता, निर्णय लेने की क्षमता और भावनात्मक स्थिरता को नियंत्रित करता है। इसी कारण यह योग की अन्य टेक्नीक की तुलना में अधिक तेज असर दिखाता है।”
सिर्फ 10 मिनट तक मंत्र सुनने या धीमी आवाज में जप करने से दिल की धड़कन शांत होती है, और यह मस्तिष्क को स्थिर रखता है।
रिसर्च डिटेल: यह अध्ययन 18 से 22 साल की उम्र के 20 स्वस्थ लोगों पर किया गया, जिसमें गायत्री मंत्र का असर सबसे तेजी से देखा गया।




