भोपाल। राजधानी भोपाल के बाणगंगा चौराहा हादसे से सबक लेते हुए परिवहन विभाग अब प्रदेश में नई व्यवस्था शुरू करने जा रहा है। अब बसों की निगरानी केंद्रीकृत सिस्टम से होगी। भोपाल स्थित परिवहन आयुक्त के कैंप ऑफिस में कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है, जहां से पूरे प्रदेश की बसों की फिटनेस, परमिट, पीयूसी और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) की निगरानी होगी।
परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने बताया कि इसकी जिम्मेदारी एआरटीओ स्तर के अधिकारी को दी गई है। हर जिले से रजिस्टर्ड बसों की जानकारी मंगाई जा रही है। इसमें रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस, पीयूसी की वैधता और वीएलटीडी की स्थिति शामिल है। सारा डेटा कंप्यूटर में फीड कर एक एनालिटिकल सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा। तीन चरणों में शुरू होने वाले इस प्रोजेक्ट के पहले चरण की मॉनिटरिंग इसी महीने के अंत तक शुरू हो जाएगी। परिवहन विभाग 57 हजार बसों की जानकारी बुलवा रहा है।
नोटिस से पहले अलर्ट
जैसे ही अलर्ट सिस्टम में कोई बस चिन्हित होगी, उसका डेटा संबंधित जिले के आरटीओ को भेजा जाएगा। वहां से बस मालिक को नोटिस भेजकर दस्तावेज समय रहते अपडेट कराने को कहा जाएगा। तय समय तक अपडेट नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी।