MP NEWS: सांची में 73वां महाबोधि महोत्सव शुरू; विभिन्न जिलों में भी सांस्कृतिक आयोजन—PM मोदी का संदेश, भारत-श्रीलंका की साझा विरासत पर फोकस

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मध्यप्रदेश में शनिवार शाम से बौद्ध संस्कृति, भारतीय विरासत और अंतरराष्ट्रीय मैत्री के संदेश से जुड़े कई कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू हुई, जिनमें सांची का 73वां महाबोधि महोत्सव मुख्य आकर्षण रहा। सांची के बुद्ध जम्बूद्वीप पार्क में आयोजित इस दो दिवसीय महोत्सव का उद्घाटन श्रीलंका बौद्ध सोसायटी के अध्यक्ष बानगल उपतिस थैरो, प्रभारी मंत्री नारायण सिंह पंवार और स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र पटेल ने संयुक्त रूप से किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शुभकामना संदेश भेजते हुए सांची को भारत और श्रीलंका के बीच बौद्ध धर्म की साझी विरासत का दर्पण बताया।

सांची में पहले दिन ‘बुद्ध का त्याग’ नृत्य-नाटिका और ‘द साया बैंड’ के भक्ति गीतों ने वातावरण को आध्यात्मिक रंग दिया। इसके समानांतर प्रदेश के अन्य जिलों—भोपाल, विदिशा, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, रीवा, और चंबल संभाग के हिस्सों—में भी बौद्ध, विरासत और सांस्कृतिक आयोजन पूरे दिन होते रहे। भोपाल में संस्कृति विभाग द्वारा ‘धम्म पथ’ व्याख्यानमाला हुई, जिसमें बौद्ध अध्ययन विशेषज्ञों ने गौतम बुद्ध के करुणा दर्शन पर चर्चा की। विदिशा में स्थानीय कलाकारों व छात्रों ने “बौद्ध कला यात्रा” नामक प्रदर्शनी लगाई, जिसमें भीमबेटका, सांची और बेलन नदी घाटी से प्रभावित शिल्प-कृतियाँ प्रस्तुत की गईं।

बुद्ध का त्याग’ नृत्य-नाटिका और ‘द साया बैंड’

उधर उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में जिला संस्कृति परिषदों ने प्राचीन भारतीय विरासत और शांति संदेश पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। उज्जैन में ‘धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस’ के अवसर पर भिक्षुओं ने शांति पदयात्रा निकाली। जबलपुर के रानी दुर्गावती परिसर में बुद्ध स्तूप मॉडलिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जबकि ग्वालियर के टीकमगढ़ सभागार में कवि-सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें कई कवियों ने करुणा, मैत्री और मानवता पर आधारित रचनाएँ सुनाकर माहौल को संवेदनशील बनाया।

इन सभी आयोजनों की केंद्रीय थीम “करुणा, अहिंसा और साझा सांस्कृतिक विरासत” रही, जिससे सांची का महोत्सव प्रदेश-भर के विभिन्न कार्यक्रमों से भावनात्मक और अवधारणात्मक रूप से जुड़ता रहा। आज महोत्सव के दूसरे दिन सांची में श्रीलंका की ललिता गोमरा और उनकी टीम लोकनृत्य व गायन प्रस्तुत करेंगी, जबकि MP के अन्य जिलों में भी कवि-सम्मेलन, सांस्कृतिक संध्याएँ, भिक्षु प्रवचन और कला प्रदर्शनियों की श्रृंखला दिनभर जारी रहेगी। शाम को सांची में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के साथ यह अध्यात्म-सृजन से भरा महोत्सव संपन्न होगा।]

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