भोपाल / मानसून के एक्टिव होने के बाद से ही मध्यप्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी है। रविवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर-उज्जैन समेत 25 से ज्यादा जिलों में बारिश का दौर चला। ऐसा ही मौसम सोमवार को भी बना रहेगा। मौसम विभाग ने 20 जिलों में हैवी रेन यानी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग के अनुसार, जिन जिलों में सोमवार को भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है, उनमें ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, सागर, रायसेन, राजगढ़, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, मंडला और बालाघाट शामिल हैं। यहां 24 घंटे में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत बाकी के जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है।

छतरपुर में बारिश के बाद जटाशंकर धाम का झरना बना आकर्षण
बुंदेलखंड का केदारनाथ कहे जाने वाले जटाशंकर धाम में बारिश के बाद झरना बहने लगा है। बारिश का पानी पहाड़ों से होकर भोले नाथ की प्रतिमा के पास से निकलता है। ये नजारा बेहद आनंदित करता है।

उज्जैन में भी अच्छी बारिश का ट्रेंड
जून महीने में उज्जैन में भी अच्छी बारिश होने का ट्रेंड है। 2015 से 2023 के बीच उज्जैन में 2.5 से 8 इंच तक बारिश हो चुकी है। इस बार भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है।

इंदौर में पिछले साल हुई थी 4 इंच बारिश
जून में इंदौर में दिन के तापमान में खासी गिरावट होती है। पिछले 5 साल यानी- 2020, 2021, 2022, 2023 और 2024 में जून में कम गर्मी पड़ी। पारा 39.6 से 41.1 डिग्री के बीच रहा। पिछले साल 40.6 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंचा था।
इंदौर में इस महीने कोटे की 20 प्रतिशत तक बारिश हो जाती है। पिछले साल करीब 4 इंच पानी गिरा था। बारिश के ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1980 में यहां जून महीने में 17 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 24 घंटे में सर्वाधिक 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 23 जून 2003 को बना था। 3 जून 1991 को इंदौर में दिन का पारा 45.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं, 12 जून 1958 को न्यूनतम तापमान 18.9 डिग्री सेल्सियस रहा था।
इस बार एक दिन लेट पहुंचा मानसून
इस साल देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
15 दिन तक मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा और एमपी में 1 दिन लेट हो गया।
हालांकि, 3 दिन में ही मानसून ने प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया। एक दिन के ठहराव के बाद बाकी बचे 2 जिले- भिंड और मऊगंज में भी मानसून एंटर हो गया। इस तरह 5 दिन में ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया।
एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था। मानसून के एक्टिव होने के बाद से ही पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर चल रहा है।
1 और 2 जुलाई को अति भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने 1 और 2 जुलाई को प्रदेश में अति भारी या भारी बारिश की चेतावनी दी है। इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में सिस्टम का असर कम देखने को मिल सकता है लेकिन ग्वालियर-चंबल, जबलपुर, नर्मदापुरम, सागर, भोपाल, रीवा और शहडोल संभाग में असर ज्यादा रहेगा।
ग्वालियर में 9 घंटे में गिरा 3 इंच पानी
एमपी में रविवार को भी तेज बारिश का दौर जारी रहा। ग्वालियर में 9 घंटे में 3 इंच से ज्यादा बारिश हो गई। नर्मदापुरम में डेढ़ इंच, भोपाल में सवा इंच, रायसेन में पौन इंच, बैतूल में आधा इंच पानी गिरा। इंदौर, गुना, रतलाम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, सागर, सिवनी, बालाघाट, बड़वानी, विदिशा, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास, सीहोर समेत कई जिलों में भी बारिश हुई।
मऊगंज जिले में सुबह से तेज बारिश
मऊगंज जिले में सोमवार सुबह से तेज बारिश हो रही है। जिले में एक जून से अब तक 253.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है।