कार्रवाई • 9 मई को गुर्जर समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन होगा, आयोजकों ने नाबलिग जोड़े हटाए

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राजगढ़ / से करीब 15 किमी दूरी पर स्थित देहरी ठाकुर गांव में 9 मई को गुर्जर समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन होना है। कार्यक्रम में बाल विवाह की सूचना पर महिला एवं बाल विकास विभाग और अहिंसा वेलफेयर सोसायटी की टीम ने बुधवार को जांच की। जांच में आयोजकों ने स्वीकार किया कि 50 नाबालिग बच्चों के विवाह पंजीयन रद्द कर दिए गए हैं, अब केवल 22 बालिग जोड़ों का विवाह होगा। आयोजकों ने टीम को भरोसा दिलाया कि सभी 22 जोड़ों के उम्र संबंधी दस्तावेज जिला मुख्यालय पर जमा किए जाएंगे। टीम ने सख्त चेतावनी दी कि अगर कार्यक्रम में बाल विवाह हुआ तो आयोजन से जुड़े सभी लोगों पर कानूनी कार्रवाई होगी।

राजगढ़। गांव में बाल-विवाह के मामलों में जांच करने पहुंची प्रशासनिक टीम।

सम्मेलन समिति ने लिखकर दिया

कम उम्र में विवाह कराना अपराध है। इसमें सजा और टीम ने बताया कि लड़कों की न्यूनतम विवाह आयु 21 वर्ष और लड़कियों की 18 वर्ष है। इससे जुमनि का प्रावधान है। सम्मेलन समिति ने लिखित में दिया कि नाबालिगों का न तो पंजीयन किया गया है और न ही उन्हें विवाह में शामिल किया जाएगा। 50 से ज्यादा नाबालिगों के पंजीयन आए थे, जिन्हें रद्द कर दिया गया। राजगढ़ जिला बाल विवाह के मामलों में देशभर में चिंता का विषय रहा है।

टीम मामलों में निगरानी कर रही

महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस और अहिंसा वेलफेयर सोसायटी की टीम मामलों में निगरानी कर रही है। बुधवार को महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी विक्रम ठाकुर, पर्यवेक्षक, मनीष दांगी और निकिता मेवाड़े गांव पहुंचे थे। टीम का कहना है कि बाल विवाह बच्चों के भविष्य के लिए खतरनाक है। ऐसे आयोजनों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है, ताकि केवल बालिग जोड़ों का ही विवाह हो और कानून का पालन हो।

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