कालाबाजारी, जांच नहीं होने से बोवनी होगी खराब, कृषको को उठाना पड़ेगा आर्थिक नुकसान

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सीहोर / जिले में खरीफ सीजन की तैयारी शुरू हो गई है। किसान खेतों में खाद डालकर बखरने में जुटे हैं। बीज का भी इंतजाम किया जा रहा है। बाजार में बीज की डिमांड बढ़ते ही कई मंडी के व्यापारी, निजी दुकानदार और किसान बाहर से नई वैरायटी का अप्रमाणित बीज आकर महंगे भाव में बेच रहे हैं। किसानों को अप्रमाणित बीज की बोवनी दुखदायी साबित हो सकती है। बीज अंकुरण नहीं हुआ तो बोवनी खराब हो जाएगी, साथ ही आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ेगा। बाजार में खूब अप्रमाणित बीज बिक रहा है और कृषि विभाग के अफसर नींद में हैं। बोवनी शुरु होने से पहले कृषि विभाग को इसकी जांच करना चाहिए, लेकिन अभी जिम्मेदारों ने जांच के लिए सैंपलिंग शुरु नहीं की है। यदि कृषि विभाग की टीम बाद में सैंपल लेगी तो किसानों को इसका फायदा नहीं होगा।
बाजर में सोयाबीन की 12 से नई वैरायटी उपलब्ध हैं। अधिकांश किसान अच्छे उत्पादन की चाह में इन वैरायटी के बीज नहीं खरीद रहे हैं। यह बीज किसानों को 6000 से 9000 रुपए प्रति क्विंटल तक बेचा जा रहा है। दुकानदार इन वैरायटी में कुछ को तो धार, देवास से लेकर आए हैं। सीहोर की मिट्टी में इनका उत्पादन कैसा रहेगा, इसकी अभी कोई गारंटी नहीं है। ऐसे में अभी से कृषि विभाग को आगे आकर न केवल इन वैरायटी की जांच करना चाहिए, बल्कि किसानों को विकल्प के तौर पर सीहोर जिले की मिट्टी में अच्छा उत्पादन देने वाली सोयाबीन की वैराइटियों का बीज भी उपलब्ध कराना चाहिए, लेकिन अभी कृषि विभाग की तरफ से कोई पहल शुरु नहीं की गई है। खरीफ की बोवनी का समय नजदीक आ गया है। मौसम ऐसा ही रहा तो जिले में 10 जून तक बोवनी शुरु हो जाएगी।
चार लाख हेक्टेयर रकबा कृषि विभाग के अनुसार जिले में करीब चार लाख हेक्टेयर खरीफ की बोवनी का रकबा निर्धारित है। इसमें सबसे ज्यादा 2 लाख 95 हजार हेक्टेयर रकबा सोयाबीन का है। विभाग दावा कर रहा है कि वर्तमान में सहकारिता और निजी दुकान पर 33211 क्विंटल सोयाबीन सहित अन्य किस्म का बीज उपलब्ध है। इसमें सोयाबीन का 23 हजार 577.28 क्विंटल बीज शामिल है। कृषि वैज्ञानिकों ने बीज उपचार करने की सलाह दी है।इसमें 100 दाने बोकर देखने हैं, उसमें 80 का अंकुरण हुआ तो ही उपयोग में लेना है।
ऐसे करें बीज की पहचान
कृषि विज्ञान केंद्र सेवनिया के कृषि वैज्ञानिक दीपक कुशवाह के अनुसार मानक बीज की पैकिंग पर टेग लगा होने के साथ उसका नंबर और उत्पादन तिथि अंकित रहेगी। अंकुरण क्षमता के अतिरिक्त अन्य जानकारी रहेगी। बड़ी बात यह हैकि किसी से मानक बीज खरीदा तो वह पक्का बिल ही देगा। जबकि अभी देखे तो कच्चे बिल पर ही बीज बेचा जा रहा है।
10 दिन में डेढ़ हजार तक बड़े भाव
कृषि उपज मंडियों में सोयाबीन के भाव में लगातार बढ़त हो रही है। पिछले 10 दिन में डेढ़ हजार रुपए तक इजाफा हुआ है। सोमवार को आष्टा कृषि उपज मंडी में सोयाबीन की 5503 क्विंटल आवक हुई। न्यूनतम 2500 और अधिकतम 6220 रुपए प्रति क्विंटल बिका।बताया जाता हैकि पिछले छह से सात महीने में पहली बार सोयाबीन अधिकतममें इतने ज्यादा भाव में बिका है।

जिले में बीज उपलब्धता की स्थिति
सोयाबीन 2077.28 21500
धान 346 6170
मक्का 00 2500
ज्वार 00 45.0
मूंग 103 80.0
उदड़ 52.50 65.0
अरहर 55.0 175
मूंगफली 23.0 20
(नोट रू उपलब्ध बीज की मात्रा क्विंटल में है।)

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