कांग्रेस के पूर्व सीएम बोले- सेना का अपमान करने वालों के साथ है भाजपा

0
7

भोपाल / कांग्रेस नेताओं ने शहीद न सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सेना के पराक्रम का सम्मान करने शनिवार को जबलपुर में कठीस ने जय हिंद यात्रा का आयोजन किया। इसमें कहीस के तीन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेरा बघेल मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि सेना को अपमानित करने बाले बयान देने वालों को सस्कार संरक्षण दे रही है। कार्यक्रम में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का पूरे समय मंच के सामने बैठे रहना चर्चा का विषय रहा। जय हिंद सभा से पहले सभी कांग्रेस नेताओं ने सदर स्थित शौर्य स्मारक जाकर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद सभा स्थल पहुंचे।

जय हिंद सभा
जबलपुर में जय हिंद सभा के दौरान मंच पर मौजूद कीस के नेता।
कमलनाथ बोले- इंदिरा जी किसी के दबाव में नहीं आई
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऑपरेशन सिंदूर मैं तीसरे देश की मध्यस्थता को लेकर कहा मैंने सल 71 के युद्ध में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ताकत को देखा है। वो किसी से दयी नहीं थीं। हालांकि, कडीस की किसी भी नेता ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने वाली मेजर सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह का नाम तक नहीं लिया। जीतू पटवारी ने कहा कि भाजपा सेना की बात करती है और सेना का अपमान करने वाले शाह जैसे
मंत्रियों को बचाती है। छग के पूर्व सीएम और एआईसीसी के महासचिव भूपेश बघेल ने कहा कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि 56 इंच का सीना दिखाने वाले अब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दबाव में काम कर रहे हैं? इनके अलावा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंभार, प्रदेश प्रभारी हरीश चैधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा समेत दूसरे नेताओं ने संबोधित किया।
दर्शक दीर्घा में बैठे सिंह
सभा में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए, लेकिन वे मंच की बजाय
जाने के लिए पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया ने पास आकर निवेदन किया, लेकिन दिग्विजय ने मना कर दिया। इससे पहले ग्वालियर में आयोजित संविधान रैली में दिग्विजय सिंह ने मंच पर हुई धक्का-मुक्की से परेशान होकर घोषणा कर दी थी कि वे अब कभी मंच पर नहीं बैठेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि जो कार्यकर्ता मेहनत करते हैं, भीड़ लाते हैं, वे नीचे ही रहते हैं। इसलिए अब मैं मंच की बजाय दर्शक दीों में कार्यकर्ताओं के बीच बैठूंगा। उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि शहादत के कफन पर राजनीति करने बाले देशप्रेमी नहीं हो सकते। जिसका आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं, जिसने ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी की, आज वही लोग कह रहे हैं कि भारतीय सेना नरेंद्र मोदी के चरणों में समर्पित है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here