पंडित कर रहे इलाज और सेवा, अमावस्या पर होंगे स्वस्थ

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भोपाल / इन दिनों भगवान जगन्नाथ की ज्वर लीला चल रही है। ऐसे में भगवान भक्तों को दर्शन नहीं दे रहे हैं। गर्भगृह के अंदर भगवान का उपचार किया जा रहा है। बीमार होने के कारण भगवान को सुपाच्य खिचड़ी का भोग लगा रहे हैं, साथ ही सर्दी जुकाम से बचाव के लिए शयन के पहले काढ़ा और आयुर्वेदिक हवाओं के जरिए उपचार हो रहा है। शहर के सभी जगन्नाथ मंदिरों में ज्वरलीला के दौरान भगवान को आर्युेदिक औषधियां दी जा रही है।
दरअसल ज्येष्ठ पूर्णिमा पर ज्येष्ठा स्नान के बाद भगवान की ज्वरलीला शुरू हो जाती है। ज्येष्ठा स्नान के बाद भगवान अस्वस्थ्य हो जाते हैं और 14 दिनों तक क्वारेंटीन रहते हैं। मंदिरों में इन दिनों यह लीला चल रही है।
इसके चलते जगन्नाथ मंदिरों के पट दर्शनों के लिए बंद है और भगवान को आयुर्वेदिक जड़ी बुटियों का काढ़ा दिया जा रहा है। इस दौरान मंदिर के पूजारियों ने बताया कि अमावस्या पर भगवान स्वस्थ्य होंगे, इसके साथ ही मंदिरों के पट खुलेंगे और 27 जून को शहर में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा निकलेगी और भगवान का नगर में जगह-जगह भ्रमण होगा।
रोजाना शयन के पहले काढ़ा, चल रहा उपचार
कोलार कान्हा कुंज के पास स्थित शिवकालिका, भगवान जगन्नाथ मंदिर से भी हर साल रथयात्रा निकाली जाती है। मंदिर के आचार्य ध्रुवनारायण शास्त्री ने बताया कि इस समय भगवान का इलाज किया जा रहा है। चिरायता, कुटकी, गिलोय आदि का काढ़ा बनाकर अर्पित किया जा रहा है, साथ ही आयुर्वेदिक दवाएं भी दी जा रही है। इसके साथ ही रोजाना शाम को यह काढ़ा मंदिर परिसर में ही चूल्हे पर तैयार करते हैं और रात्रि में शयन के पूर्व भगवान को काढ़ा अर्पित किया जाता है।
जगन्नाथ मंदिर जवाहर चैक उत्कल समाज के सचिव मानस रंजन मोहंती ने बताया कि अभी भगवान के दर्शन बंद है। भगवान का तरह-तरह से उपचार किया जा रहा है। इस दौरान भगवान को नारियल पानी दिया जा रहा है, तेल की मालिश भी की जा रही है। आयुर्वेदिक जड़ी बुटियां दे रहे है।

यहां से निकलेगी रथयात्रारू शहर में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा छह स्थानों से निकाली जाएगी। इसमें जगदीश स्वामी मंदिर किलोल पार्क, शांति नगर बैरसिया, कान्हा कुंज कोलार से निकलेगी।

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