कसौटी पर परखा जा रहा दावेदारों को…

0
4

 डीआर न्यूज इंडिया. काॅम भोपाल/मप्र कांग्रेस में अब जिलाध्यक्ष पावरफुल होंगे। ऐसे में आलाकामन की कोशिश है की पार्टी के लिए समर्पित, सक्रिय युवा को ही जिलाध्यक्ष बनाया जाए। इसके लिए पर्यवेक्षकों द्वारा दावेदारों का कसौटी पर परखा जा रहा है। कांग्रेस जिलाध्यक्षों के लिए पहला सर्वे हो चुका है, अब दूसरा सर्वे चल रहा है। उसके बाद जिलाध्यक्ष चुना जाएगा। कांग्रेस के नए जिला अध्यक्ष 35 से 45 साल की उम्र के होंगे। मप्र में संगठन सृजन अभियान के तहत दिल्ली और भोपाल से नियुक्त ऑब्जर्वर्स की तीन सदस्यीय टीम अब हर जिले में जाकर जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के नाम तलाश रहे हैं।  एआईसीसी और पीसीसी के ऑब्जर्वर अपने जिले में दौरे का कार्यक्रम बनाकर नीयत समय पर पहुंच रहे हैं। जिला कांग्रेस कमेटियों ने जिले के कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की। जिला अध्यक्ष के लिए 6 नामों का पैनल तैयार किया जा रहा है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने मप्र को संगठन को मजबूत करने के लिए गुजरात की तर्ज पर यहां संगठन सृजन अभियान शुरू किया है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गत 4 जून को भोपाल में इस अभियान का शुभारंभ किया था। इस अभियान के तहत कांग्रेस के प्रति समर्पित, सक्रिय और ऊर्जावान नेताओं को जिला अध्यक्ष की कमान सौपी जाएगी। अभियान के शुभारंभ अवसर पर राहुल गांधी ने अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं और पार्टी के स्लीपर सेल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही थी।
पैनल में 6 प्रकार के नाम होंगे शामिल
हर जिले से जिला अध्यक्ष के लिए पैनल में 6 नाम शामिल किए जाएंगे। इनमें एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला के नाम हर हाल में शामिल किए जाएंगे। इसके बाद दो अन्य दावेदारों के नाम पैनल में शामिल रहेंगे। राहुल गांधी के साथ 3 जून को हुई बैठक के बाद सभी ऑब्जर्वर्स को आवंटित जिले का जातिगत डेटा फोल्डर में दिया गया है। इसमें यह बताया गया है कि किस जिले में किस जाति की संख्या ज्यादा हैं और कौन से समाज के लोग निर्णायक भूमिका निभाते हैं। जिलाध्यक्ष के पैनल में इस डेटा के आधार पर भी लोग पैनल में शामिल किए जाएंगे।
 इस बार राह आसान नहीं….
एक तरफ जहां कांग्रेस जिला अध्यक्षों को पॉवरफुल बनाने की बात कह रही है, वहीं पार्टी उनकी नियुक्ति में पारदर्शिता बरत रही है। पार्टी द्वारा जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों से जिलों में दोबारा सर्वे कराया जा रहा है। दरअसल, कांग्रेस के संगठन सूजन अभियान के तहत प्रदेश में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर 60 संगठनात्मक जिलों में सर्वे का एक दौर पूरा हो गया है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ ही पीसीसी की ओर नियुक्त पर्यवेक्षक भी जिलों में पहुंचे थे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की टीम ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ जिलों से प्राप्त सर्वे रिपोर्ट की ऑनलाइन समीक्षा कर ली है। एआईसीसी ने पर्यवेक्षकों को सर्वे में सामने आई कमियों के बारे में बताया और उनसे एक बार फिर जिलों में सर्वे करने को कहा है। उन्हें दोबारा सर्व के लिए कुछ जरूरी टिप्स भी दिए गए हैं। आठ जिलों में केंद्रीय पर्यवेक्षक दूसरे दौर के सर्वे के लिए पहुंच गए हैं। केंद्रीय पर्यवेक्षक 30 जून से पहले सभी जिलों में पहुंचकर फिर से सर्वे का काम शुरू करेंगे।
दोबारा सर्वे शुरू…
प्रदेश कांग्रेस संगठन महामंत्री डॉ. संजय कामले ने कहा कि संगठन सृजन अभियान में केंद्रीय पर्यवेक्षक सभी जिलों में एक बार सर्वे कर चुके हैं। पार्टी की ओर से उन्हें दोबारा सर्वे करने को कहा गया है। पर्यवेक्षकों ने सर्वे के दौरान पार्टी के जिला एवं स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर संगठन को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने कहा कि संगठन सूजन अभियान का उद्देश्य पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को जिला और ब्लॉक स्तर तक सशक्त करना, कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद स्थापित करना और आगामी चुनावों के लिए पार्टी को तैयार करना रहा है। यदि कोई सशक्त व्यक्ति और विचारधारा से जुड़ा हुआ सीनियर दावेदारी करता है तो उसे विशेष परिस्थितियों में शामिल किया जा सकता है। कोई मजबूत कार्यकर्ता आयुसीमा के चक्कर में छूट न जाए। लेकिन, राहुल जी की सोच है कि कांग्रेस का जिलाध्यक्ष युवा हो, तकनीक फ्रेंडली हो, सोशल मीडिया पर सक्रिय हो।

You can share this post!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here